जानें कौन थे भारत के छठवें राष्ट्रपति जो निर्विरोध हुए थे निर्वाचित

भारत के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी का 19 मई को 105वां जन्मदिवस है.उनका जन्म 19 मई, 1913 को इल्लुर ग्राम, अनंतपुर ज़िले में हुआ था जो आंध्र प्रदेश में है. आंध्र प्रदेश के कृषक परिवार में जन्मे नीलम संजीव रेड्डी की छवि कवि, अनुभवी राजनेता एवं कुशल प्रशासक के रूप में थी.इनके पिता का नाम नीलम चिनप्पा रेड्डी था जो कांग्रेस पार्टी के काफ़ी … पढ़ना जारी रखें जानें कौन थे भारत के छठवें राष्ट्रपति जो निर्विरोध हुए थे निर्वाचित

महावीर प्रसाद द्विवेदी के बिना हिंदी साहित्य की कल्पना नहीं की जा सकती

आधुनिक हिन्दी साहित्य को समृद्धशाली बनाने वाले आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी की 15 मई को जयंती है.आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी का जन्‍म सन् 15 मई 1864 को रायबेरली(उ.प्र.) के दौलतपुर नामक ग्राम में हुआ था.उनके पिता श्री रामसहाय द्विवेदी अंग्रेजी सेना में नौकर थे. धन की कमी होने के कारण द्विवेदी जी की शिक्षा अच्छी तरह नहीं हो पाई. इसलिए उन्होंने घर पर ही संस्‍कृत, … पढ़ना जारी रखें महावीर प्रसाद द्विवेदी के बिना हिंदी साहित्य की कल्पना नहीं की जा सकती

व्यक्तित्व – “गोपाल कृष्ण गोखले” को गांधी जी और जिन्ना मानते थे अपना राजनीतिक गुरु

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान स्वतंत्रता सेनानी  रहे गोपाल कृष्ण गोखले की 9 मई को 149 वीं जयंती है.गोपाल कृष्ण गोखले एक स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ ही एक मंझे हुए राजनीतिज्ञ भी थे. गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म 9 मई 1866 ई में  महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिला, तालुका गुहागर के कोथलुक नामक गांव में हुआ था.एक गरीब ब्राह्मण परिवार में जन्में गोखले जी ने … पढ़ना जारी रखें व्यक्तित्व – “गोपाल कृष्ण गोखले” को गांधी जी और जिन्ना मानते थे अपना राजनीतिक गुरु

जानिए कौन थीं विश्व की पहली महिला योग गुरु

भारत में प्राचीन काल से ही योग किया जा रहा है.भारत को योग की जन्मस्थली भी कहा जाता है. आज योग की लोकप्रियता दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है.हर देश इसके महत्व को जानकर अपनाना चाह रहा है.पुराने समय में योग ज्यादातर पुरुष ही किया करते थे,महिलाएं इसे करने से कतराती थीं. वजह चाहे जो भी रही हो,लेकिन इस सोच पर विराम लगाया एक विदेशी … पढ़ना जारी रखें जानिए कौन थीं विश्व की पहली महिला योग गुरु

आधुनिक भारत के असाधारण सृजनशील कलाकार थे रविन्द्रनाथ टैगोर

नोबल पुरस्कार विजेता ‘गुरुदेव’ रविन्द्रनाथ टैगोर की 7 मई को 157 वीं जयंती है.बांग्ला साहित्य के उत्कर्ष के पर्याय माने जाने वाले रवींद्रनाथ टैगोर देश के महानतम कवियों, कथाकारों, उपन्यासकारों, नाटककारों, चित्रकारों, संगीतकारों और शिक्षाविदों में एक थे.भारतीय संस्कृति के सर्वश्रेष्ठ रूप का पश्चिमी देशों से परिचय और पश्चिमी देशों की संस्कृति से भारत का परिचय कराने में टैगोर की बड़ी भूमिका रही तथा आमतौर … पढ़ना जारी रखें आधुनिक भारत के असाधारण सृजनशील कलाकार थे रविन्द्रनाथ टैगोर

सर्वहारा और मजदूर वर्ग के पथ प्रदर्शक थे कार्ल मार्क्स

जर्मनी के महान विचारक, अर्थशास्त्री, इतिहासकार, राजनीतिक सिद्धांतकार, समाजशास्त्री, पत्रकार और क्रांतिकारी कार्ल मार्क्स का शनिवार 5 मई को 200वां जन्मदिन है.अरस्तु, प्लेटो की तरह उनकी आदर्शवादी विचारधारा मानवीय समाज के लिए कल्याणकारी मानी जाती है.वे सर्वहारा, मजदूर वर्ग के प्रिय नेता, महान् पथ प्रदर्शक माने जाते हैं.उनकी ”दास केपिटल” समाजवाद की सर्वश्रेष्ठ पुस्तक है, जिसे समाजवादियों की बाइबिल भी कहा जाता है. समाज, अर्थशास्त्र … पढ़ना जारी रखें सर्वहारा और मजदूर वर्ग के पथ प्रदर्शक थे कार्ल मार्क्स

भारत के सातवें राष्ट्रपति, जिनके कार्यकाल में हुआ था “ऑपरेशन ब्लू स्टार”

भारत के सातवें राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह का 5  मई शनिवार को 102 वां जन्मदिन है. ज्ञानी जैल सिंह का जन्म 5 मई 1916 को संधवान गांव जिला फरीदकोट पंजाब में हुआ था.उनके बचपन का नाम जरनैल सिंह था. ज्ञानी ज़ैल सिंह की स्कूली शिक्षा पूरी नहीं हो पाई. उन्होंने उर्दू सीखने की शुरूआत की, फिर पिता की राय से गुरुमुखी पढ़ने लगे. इसी बीच … पढ़ना जारी रखें भारत के सातवें राष्ट्रपति, जिनके कार्यकाल में हुआ था “ऑपरेशन ब्लू स्टार”

अंग्रेजों से लड़ते हुए शहीद होने वाले पहले शासक थे टीपू सुल्तान

भारतीय इतिहास के महान योद्धा टीपू सुल्तान की 4 मई को पुण्यतिथि है. उनके पिता हैदर अली भी एक प्रसिद्ध योद्धा थे. पिता की मृत्यु के बाद पुत्र टीपू सुल्तान ने मैसूर सेना की कमान को संभाला था, जो अपनी पिता की ही भांति योग्य एवं पराक्रमी था. टीपू को अपनी वीरता के कारण ही ‘शेर-ए-मैसूर’ का ख़िताब अपने पिता से प्राप्त हुआ था. कई … पढ़ना जारी रखें अंग्रेजों से लड़ते हुए शहीद होने वाले पहले शासक थे टीपू सुल्तान

नरगिस पहली अभिनेत्री थीं,जिन्हें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरुस्कार से नवाजा गया था

आज बॉलीवुड की महान अदाकारा नरगिस की 37 वीं पुण्यतिथि है.हिंदी सिनेमा की बेहतरीन फिल्मों में से एक ‘मदर इंडिया’ का नाम सुनते ही लोगों के मनमस्तिष्क में सबसे पहला चेहरा नरगिस का ही आता है.कहा जाता है कि अगर आपने ‘मदर इंडिया‘ नहीं देखी तो हिंदी फिल्में नहीं देखी. उस वक़्त इस फिल्म को ऑस्कर के लिए भी नोमिनेट किया गया था. एक जून … पढ़ना जारी रखें नरगिस पहली अभिनेत्री थीं,जिन्हें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरुस्कार से नवाजा गया था

पिता उन्हें वकील बनाना चाहते थे, पर “मन्ना डे” का रुझान तो संगीत की ओर था

संगीत का सागर कहे जाने वाले मन्ना डे जिन्हें प्यार से मन्ना दा भी कहते हैं, का आज जन्मदिन है. प्रबोध चन्द्र डे उर्फ मन्ना डे का जन्म 1 मई 1920 को कोलकाता में हुआ. मन्ना डे के पिता उन्हें वकील बनाना चाहते थे, लेकिन मन्ना डे का रुझान संगीत की ओर था. वह इसी क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते थे. ‘उस्ताद अब्दुल रहमान … पढ़ना जारी रखें पिता उन्हें वकील बनाना चाहते थे, पर “मन्ना डे” का रुझान तो संगीत की ओर था

कौन थे दादासाहेब फाल्के? जिन्हें गूगल कर रहा है याद.

भारतीय सिनेमा के पितामह दादासाहेब फाल्के के 148 वें जन्मदिन के मौके पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें सम्मान दिया है. दादासाहेब गोविंद फाल्के का जन्म 30 अप्रैल 1870 को महाराष्ट्र के त्रिम्बकेश्वर में हुआ था.उनका पूरा नाम ‘घुंडीराज गोविंद फाल्के’था ,लेकिन वे दादा साहेब फाल्के के नाम से ज्यादा प्रसिद्ध हुए. उनके पिता संस्कृत के प्रकांड विद्वान थे. दादा साहेब फाल्के ने अपनी पढ़ाई … पढ़ना जारी रखें कौन थे दादासाहेब फाल्के? जिन्हें गूगल कर रहा है याद.

इस चित्रकार ने पहली बार हिंदू देवी-देवताओं को आम इंसानों जैसा दिखाया था

भारत के प्रसिद्ध चित्रकार राजा रवि वर्मा का 29 अप्रैल को 170वां जन्मदिन है. राजा रवि वर्मा पहले चित्रकार माने जाते हैं जिन्होंने देवी-देवताओं को आम इंसानों जैसा दिखाया. भारतीय धर्मग्रंथों, पुराणों, महाकाव्यों में दिए गए पात्रों, देवी-देवताओं की कल्पना करके उनको चित्रों की शक्ल में ढाला. हिन्दू मिथकों का बहुत ही प्रभावशाली इस्‍तेमाल उनके चित्रों में दिखता है. राजा रवि वर्मा का जन्म 29 … पढ़ना जारी रखें इस चित्रकार ने पहली बार हिंदू देवी-देवताओं को आम इंसानों जैसा दिखाया था

भानु अथैया ने दिलाया था देश को पहला ऑस्कर

भारत को पहला ऑस्कर दिलाने का श्रेय भानु अथैया को जाता है. वह भारत की पहली ऐसी महिला हैं जिन्हें विश्व सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ऑस्कर अवार्ड से नवाज़ा गया था. भानु अथैया का जन्म 28 अप्रैल 1929 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुआ था. इनका पुरा नाम भानुमति अन्नासाहेब राजोपाध्येय था.इनके पिता का नाम अन्नासाहेब और माता का नाम शांताबाई राजोपाध्येय था. अपने … पढ़ना जारी रखें भानु अथैया ने दिलाया था देश को पहला ऑस्कर

विनोद खन्ना ने अपनी एक्टिंग की शुरुआत नेगेटिव रोल से की थी

बॉलीवुड के सबसे हैंडसम अभिनेताओं में शुमार रहे विनोद खन्ना की 27 अप्रैल 2017 को लंबी बीमारी के चलते पिछले साल उनका निधन हो गया था. 70 और 80 के सुपरस्टार रहे विनोद खन्ना को हाल ही में मरणोपरांत हिंदी फिल्म जगत के सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्टूबर 1946 को भारत आजाद होने … पढ़ना जारी रखें विनोद खन्ना ने अपनी एक्टिंग की शुरुआत नेगेटिव रोल से की थी

टैगोर और अल्लामा इक़बाल को अपना प्रेरणा स्रोत मानते थे “दिनकर”

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जिन्होंने ने हिंदी साहित्य में न सिर्फ वीर रस के काव्य को एक नयी ऊंचाई दी, बल्कि अपनी रचनाओं के माध्यम से राष्ट्रीय चेतना का भी सृजन किया. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का जन्म 23 सितंबर 1908 को बिहार के बेगूसराय जिले में हुआ था. रामधारी सिंह दिनकर ने पटना विश्वविद्यालय से इतिहास, दर्शनशास्त्र और राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की. इसके अलावा … पढ़ना जारी रखें टैगोर और अल्लामा इक़बाल को अपना प्रेरणा स्रोत मानते थे “दिनकर”

भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई सत्यजीत रे ने

सत्यजीत रे, भारतीय फिल्मों में एक ऐसा नाम है जिसने अपने रचनात्मक काम से न सिर्फ भारत में बल्कि विश्व स्तर पर एक ऐसा मुकाम हासिल किया है जो भारत में शायद ही किसी फ़िल्मकार को हासिल हुआ हो.दुनिया के बेहतरीन फिल्मकारों में शामिल सत्यजीत रे की 23 अप्रैल को 26वीं पुण्यतिथि है.भारतीय सिनेमा जगत के युगपुरूष सत्यजीत रे एक ऐसे फिल्मकार थे जिन्होंने अपनी … पढ़ना जारी रखें भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई सत्यजीत रे ने

व्यक्तित्व – जानिये कवि “गोपाल सिंह नेपाली” को

‘गीतों के राजकुमार’ कहे जाने वाले गोपाल सिंह नेपाली हिन्दी साहित्य, पत्रकारिता और फिल्म उद्योग में ऊंचा स्थान हासिल करने वाले उत्तर छायावाद काल के विशिष्ट कवि और गीतकार थे. इनका जन्म 11 अगस्त 1911 को बेतिया जिला चम्पारण बिहार में हुआ था. इनके पिताजी रामबहादुर सिंह फौज में थे. प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा बेतिया में ही हुई. राष्ट्र प्रेम, प्रकृति प्रेम एवं मानवीय संवेदना के कवि … पढ़ना जारी रखें व्यक्तित्व – जानिये कवि “गोपाल सिंह नेपाली” को

दर्द के साये में जिसने लोगों को हंसना सिखाया

एक्टिंग के क्षेत्र में दर्शकों को हंसाना सबसे मुश्किल काम माना जाता है.चार्ली चैपलिन एक्टिंग में कॉमेडी के क्षेत्र का वो नायक है,जिसे देखने के बाद आज भी लोगों के चेहरे हंसी से झलक उठते हैं.चार्ली चैपलिन ऐसे कालकार थे जिन्होंने बिना एक शब्द बोले पुरी दुनिया को हंसाया. ब्लैक एंड व्हाइट फिल्मों के उस दौर में  उन्होंने दुनियाभर में अपनी एक्टिंग में कॉमेडी के … पढ़ना जारी रखें दर्द के साये में जिसने लोगों को हंसना सिखाया

पेंटिंग के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी महारत रखते थे लिओनार्दो द विंची

चित्रकारी की दुनिया में लियोनार्दो द विंची की मोनालिसा की पेंटिंग अपनी रहस्यमयी मुस्कान के कारण दुनियाभर में प्रसिद्ध है.यह पेंटिंग अपने अन्दर कई रहस्यों को छुपाये हुए है.इसके चित्रकार लियानार्दो द विंची (Leonardo da Vinci) एक ऐसे बहुमुखी प्रतिभा के धनी ,अद्भुद प्रतिभा सम्पन्न कलाकार थे जिन्होंने चित्रकारी की कला को नई ऊँचाइयाँ दी. जीवन लिओनार्दो दा विंची का जन्म 15 अप्रैल 1452 को … पढ़ना जारी रखें पेंटिंग के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी महारत रखते थे लिओनार्दो द विंची

जाति के कारण बारिश से बचने के लिए छत नहीं मिली थी डॉ आंबेडकर को

स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माता, दलितों के मसीहा व समाज सुधारक डॉ भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू इंदौर मध्यप्रदेश में पैदा हुए थे। जिस जाति में बाबा साहब का जन्म हुआ था वो जाति बहुत निम्न और हेय समझी जाती थी. उनके पिता रामजी मौला जी सैनिक स्कूल में प्रधानाध्यापक थे। उन्हें अंग्रेज़ी ,मैथ और मराठी की अच्छी समझ थी.अपने पिता … पढ़ना जारी रखें जाति के कारण बारिश से बचने के लिए छत नहीं मिली थी डॉ आंबेडकर को