कौन थे उमर खैयाम, जिन्हें गूगल ने दी श्रद्धांजलि ?

आज गूगल ने मशहूर फारसी कवि, गणितज्ञ, दार्शनिक, कवि और खगोलशास्त्री उमर ख़ैय्याम को उनके जन्मदिन पर डूडल बनाया। 18 मई 1048 को उत्तर पूर्वी ईरान में जन्मे उमर खैय्याम कई उल्लेखनीय गणित और विज्ञान की खोज की। उमर ख़ैय्याम (1048–1131) फ़ारसी साहित्यकार, गणितज्ञ एवं ज्योतिर्विद थे। इनका जन्म उत्तर-पूर्वी फ़ारस के निशाबुर (निशापुर) में ग्यागरहीं सदी में एक ख़ेमा बनाने वाले परिवार में हुआ … पढ़ना जारी रखें कौन थे उमर खैयाम, जिन्हें गूगल ने दी श्रद्धांजलि ?

व्यक्तित्व – 1857 के भुला दिए गए नायकों में से एक ” शहीद पीर अली खान “

आज 10 मई के दिन भारत के पहले स्वाधीनता संग्राम की वर्षगांठ पर देश 1857 के शहीदों की याद कर रहा है। उनमें ज्यादातर उस दौर के राजे-रजवाड़े और सामंत थे जिनके सामने अपने छोटे-बड़े राज्य को अंग्रेजों से बचाने की भी चुनौती थी। स्वाधीनता संग्राम के विस्मृत नायकों में पीर अली खां जैसे कुछ ऐसे लोग भी थे जिनके पास न तो कोई रियासत … पढ़ना जारी रखें व्यक्तित्व – 1857 के भुला दिए गए नायकों में से एक ” शहीद पीर अली खान “

भगत सिंह के साथियों सुखदेव और राजगुरु को कितना जानते हैं आप ?

मार्च 23, भगत सिंह का शहादत दिवस है। आज ही के दिन लाहौर के सेंट्रल जेल में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को अंग्रेजों ने फांसी की सज़ा दी थी। भगत सिंह केवल भावुक क्रांतिकारी ही नहीं बल्कि वे प्रखर और प्रबुद्ध विचारशील और मार्क्सवादी अध्येता भी थे। भारत की आज़ादी उनका लक्ष्य नहीं था। यह उस महान लक्ष्य का एक पड़ाव था, जहां वे … पढ़ना जारी रखें भगत सिंह के साथियों सुखदेव और राजगुरु को कितना जानते हैं आप ?

व्यक्तित्व – जब बतक़ मियाँ ने बचाई बापू की जान

आज जब के देश महात्मा गांधी जी की 71 वीं बरसी मनाने में मगन है और पूरा सोशल मीडिया गांधी जी को श्रद्धांजली अर्पित कर रहा है,ऐसे समय में एक हस्ती और है जिसको याद किए बग़ैर यह चर्चा ही अधूरी है. मैं बात कर रहा हूं भारत के महान सपूत और स्वतंत्रता सेनानी बत्तख़ मियां की, इस देश की यह विडंबना ही है के … पढ़ना जारी रखें व्यक्तित्व – जब बतक़ मियाँ ने बचाई बापू की जान

जब जोर्ज फर्नांडिस ने आईबीएम और कोका-कोला को देश छोड़ने का आदेश दिया

प्रख्यात समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे। भारत के समाजवादी आंदोलन के वे एक मज़बूत स्तम्भ थे। 1967 में, महाराष्ट्र के कद्दावर कांग्रेसी नेता एसके पाटिल को बम्बई से हराकर, वे लोकसभा में पहुंचे थे। 1975 में जब आपातकाल की घोषणा हुयी तो वे लंबे समय तक भूमिगत रहे और फिर उनपर … पढ़ना जारी रखें जब जोर्ज फर्नांडिस ने आईबीएम और कोका-कोला को देश छोड़ने का आदेश दिया

वो शख्स जिसने दिया था इंकलाब ज़िंदाबाद का नारा

एक ऐसा शख़्स जिसने फ़क़ीरी और दरवेशी में अपनी ज़िंदगी गुज़ार दी, जिसका टूटा फूटा मकान था जिसमें टाट का पर्दा लगा रहता था। जिसके पास एक मैला-कुचैला थैला रहा करता था। उस थैले में फटे पुराने कपड़े, एक लोटा और चंद कागज़ात रहा करते थे। जो शख़्स जब संविधान सभा की बैठक में आता तो संसद के सामने एक टूटी सी मस्जिद में अपना … पढ़ना जारी रखें वो शख्स जिसने दिया था इंकलाब ज़िंदाबाद का नारा

एम्स का ये डॉक्टर कैसे बना आदिवासियों का हीरो ?

“हीरा अलावा”, विधानसभा चुनावों के मौसम में पिछले 6 माह से यह नाम मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ क्षेत्र की राजनीति में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। डॉ अलावा हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की मनावर विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर लड़े जहां उन्होंने प्रदेश की पूर्व कैबिनेट मंत्री और भाजपा प्रत्याशी रंजना बघेल को करीब 40000 मतों के बड़े अंतर से … पढ़ना जारी रखें एम्स का ये डॉक्टर कैसे बना आदिवासियों का हीरो ?

व्यक्तित्व – नफ़रत के खिलाफ़ हर आंदोलन का हिस्सा होते हैं “नदीम खान”

व्यक्तित्व में हम आज बात करेंगे नदीम खान की, देश की राजधानी दिल्ली में रहने वाले नदीम अपने सोशल वर्क और ज़मीनी सक्रियता से पिछले कुछ समय से सोशल एक्टिविज़्म का जाना माना चेहरा बन चुके हैं. मानव अधिकार से संबंधित कोई ऐसा मुद्दा नहीं मिलेगा जहाँ नदीम खान की मौजूदगी न हो. यूनाईटेड अगेंस्ट हेट नामक कैम्पेन को सफलता के साथ सुचारू रूप से … पढ़ना जारी रखें व्यक्तित्व – नफ़रत के खिलाफ़ हर आंदोलन का हिस्सा होते हैं “नदीम खान”

कलाम साहब इस देश के अनमोल नगीने एवं भारतीय मुस्लिम समाज का गौरव हैं

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम साहब निजी जीवन में धार्मिक व्यक्ति थे। इनकी किताबें पढ़ने से पता चलता है कि इनका धर्म के प्रति विश्वास कितना गहरा था। इस्लामी परम्परा का ये बख़ूबी पालन करते थे। अपनी किताब ‘इग्नाइटेड माइंड’ में इन्होंने क़ुरान से लेकर पैग़म्बर मोहम्मद साहब का ज़िक्र भी बख़ूबी किया। कई जगह इन्होंने कोट करके इस्लाम को लेकर एक बेहतरीन अंदाज़ … पढ़ना जारी रखें कलाम साहब इस देश के अनमोल नगीने एवं भारतीय मुस्लिम समाज का गौरव हैं

“फ़िराक गोरखपुरी” के बारे में क्या ये जानते हैं आप ?

फ़िराक़ साहब ( 28 अगस्त 1896 से 3 मार्च 1982 ) एक जीनियस थे। रहने वाले गोरखपुर के, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में अंग्रेज़ी के टॉपर, और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में ही अंग्रेज़ी के अध्यापक, और उर्दू के एक अज़ीम शायर। ज़िंदगी का सफर भी उनका, कुछ गमें जानां तो कुछ दौरां। कभी प्रेयसी का गम, तो कभी ज़माने का गम। निजात इस गम से ? ‘ मौत … पढ़ना जारी रखें “फ़िराक गोरखपुरी” के बारे में क्या ये जानते हैं आप ?

व्यक्तित्व – कुलदीप नैय्यर का जाना, एक क़द का उठ जाना

कुलदीप नैयर का जाना पत्रकारिता में सन्नाटे की ख़बर है। छापे की दुनिया में वे सदा मुखर आवाज़ रहे। इमरजेंसी में उन्हें इंदिरा गांधी ने बिना मुक़दमे के ही धर लिया था। श्रीमती गांधी के कार्यालय में अधिकारी रहे बिशन टंडन ने अपनी डायरी में लिखा है उन दिनों किसी के लिए यह साहस जुटा पाना मुश्किल था कि वह कुलदीप नैयर के साथ चाय … पढ़ना जारी रखें व्यक्तित्व – कुलदीप नैय्यर का जाना, एक क़द का उठ जाना

व्यक्तित्व – सामाजिक न्याय के बड़े पैरोकार थे “करूणानिधि”

तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके के अध्यक्ष एम करुणानिधि का मंगलवार शाम 6:10 मिनट में चेन्नई के एक निजी अस्पताल में 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया. निधन के पूर्व करूणानिधि को बुखार और इन्फेक्शन के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था. Press release from Kauvery Hospital – Admin pic.twitter.com/o52AioshPR — KalaignarKarunanidhi (@kalaignar89) August 7, 2018 करुणानिधि का जन्म 3 जून … पढ़ना जारी रखें व्यक्तित्व – सामाजिक न्याय के बड़े पैरोकार थे “करूणानिधि”

इन्होंने अमेरिकी लोकतंत्र को आतंक का सबसे बड़ा अड्डा कहा था

आख़िर क्यों ‘मैल्कम एक्स’ जैसे लोग इस नई प्रोग्रेसिव पीढ़ी के रोल मॉडल नहीं हैं? चे-ग्वेरा से लेकर मार्टिन लूथर किंग, माओ, नेल्सन मंडेला, फ़िदेल कास्त्रो, महात्मा गांधी का फ़ोटो आपको हर जगह मिल जाएगा पर मैल्कम एक्स और मोहम्मद अली जैसे लोगों के नाम तक पे चर्चा नहीं होती है। आख़िर क्यों? जबकि अगर संघर्षों की बात की जाए तो मैल्कम एक्स के सामने … पढ़ना जारी रखें इन्होंने अमेरिकी लोकतंत्र को आतंक का सबसे बड़ा अड्डा कहा था

‘गोपालदास नीरज’ के गीत जो उनके जाने के बाद भी उन्हें ज़िन्दा रखेंगे

एक गीत था, जिसकी धुन एसडी बर्मन ने गुरु दत्त को सुनायी थी और गुरु दत्त ने उसे ख़ारिज़ कर दिया था। हालांकि अबरार अल्वी को वह धुन पसंद थी। बेशक तब उस धुन में शब्द नहीं डले थे। गोपाल दास नीरज के शब्दों के साथ वह धुन खिल गयी और सन 1970 में प्रेम पुजारी फ़िल्म जब रीलीज़ हुई, तो पूरे हिंदुस्तान के कंठ … पढ़ना जारी रखें ‘गोपालदास नीरज’ के गीत जो उनके जाने के बाद भी उन्हें ज़िन्दा रखेंगे

नानक सिंह- कलम की वजह से जेल भी गए और साहित्य सम्मान भी पाया

पंजाबी भाषा के मशहूर उपन्यासकार नानक सिंह का जन्म 4 जुलाई 1897 में हुआ था, तथा 18 दिसंबर 1971 को उनकी मृत्यु हुई. वह एक लेखक और स्वंत्रता संग्राम सेनानी थे. अंग्रेज़ सरकार के विरुद्ध लिखने की वजह से उन्हें जेल भी जाना पड़ा. अपनी साहित्यिक रचनाओं के लिए उन्होंने कई सम्मान प्राप्त किये थे. वह झेलम जिले (अब पाकिस्तान में) में एक गरीब पंजाबी … पढ़ना जारी रखें नानक सिंह- कलम की वजह से जेल भी गए और साहित्य सम्मान भी पाया

भारत के पहले मुस्लिम एयर चीफ़ मार्शल, जिन्होंने ठुकराया था पाक का ऑफर

एयर चीफ मार्शल इदरीस हसन लतीफ को 31 अगस्त 1 9 78 को एयर चीफ मार्शल एच मुल्गावकर की सेवानिवृत्ति पर एयर स्टाफ के अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। लतीफ का जन्म हैदराबाद, डेक्कन में 09 जून 1 9 23 को हुआ था। निजाम कॉलेज, हैदराबाद में शिक्षित, लतीफ हैदराबाद राज्य के मुख्य अभियंता श्री हसन लतीफ के पुत्र थे इदरीस लतीफ 1 9 41 … पढ़ना जारी रखें भारत के पहले मुस्लिम एयर चीफ़ मार्शल, जिन्होंने ठुकराया था पाक का ऑफर

जब राणा सांगा के लिए बाबर से लड़ते हुए शहीद हुए थे, राजा हसन ख़ान मेवाती

जब बाबर काबुल में था, तो कहा जाता है कि राणा सांगा का उससे यह समझौता हुआ कि वह इब्राहीम लोधी पर आगरा की ओर से और बाबर उत्तर की ओर से आक्रमण करे. जब आक्रमणकारी ने दिल्ली और आगरा को अधिकृत कर लिया, तब बाबर ने राणा पर अविश्वास का आरोप लगाया. उधर सांगा ने बाबर पर आरोप लगाया कि उसने कालपी, धौलपुर और … पढ़ना जारी रखें जब राणा सांगा के लिए बाबर से लड़ते हुए शहीद हुए थे, राजा हसन ख़ान मेवाती

विदेश में रहकर देश की आज़ादी के लिए लड़ते रहे “रास बिहारी बोस”

प्रसिद्ध भारतीय स्वतंत्रता सेनानी रासबिहारी बोस की 25 मई को 132वीं जयंती है.‘‘एशिया एशियावासियों का है’’ का नारा बुलन्द करने वाले रास बिहारी बोस उन गिने-चुने क्रांतिकारियों में हैं, जिन्होंने न केवल देश में बल्कि विदेश में भी ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति का मार्ग अपनाया तथा सोए हुए भारतीय राष्ट्रवाद को जगाया था.दिल्ली में तत्कालीन वायसराय लार्ड चार्ल्स हार्डिंग पर बम फेंकने की … पढ़ना जारी रखें विदेश में रहकर देश की आज़ादी के लिए लड़ते रहे “रास बिहारी बोस”

सती प्रथा के घोर विरोधी थे “राम मोहन राय”

 भारतीय पुनर्जागरण के अग्रदूत और आधुनिक भारतीय समाज के जन्मदाता राजा राममोहन राय की 22 मई को 246 वीं जयंती है.राजा राम मोहन राय का जन्म 22 मई 1772 को बंगाल के हुगली जिले के राधा नगर गाँव में हुआ था. पिता का नाम रमाकान्त राय एवं माता का नाम तारिणी देवी था. प्रतिभा के धनी राजा राम मोहन राय बहुत सी भाषाओं के जानकार … पढ़ना जारी रखें सती प्रथा के घोर विरोधी थे “राम मोहन राय”

उत्कृष्ट आलोचना के जरिए हजारी प्रसाद द्विवेदी ने हिंदी में जमाई अपनी धाक

हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की 19 मई को पुण्यतिथि है. आधुनिक हिन्दी में आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी एक ऐसे रचनाकार थे जिन्होंने उत्कृष्ट आलोचना के जरिए अपनी विद्वता की धाक जमाने के साथ-साथ अपने सरस ललित निबंधों के जरिए पाठकों का मन मोह लिया. जिस प्रकार आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने हिन्दी साहित्य में तुलसीदास की साहित्यिक श्रेष्ठता को प्रमाणित किया वहीं … पढ़ना जारी रखें उत्कृष्ट आलोचना के जरिए हजारी प्रसाद द्विवेदी ने हिंदी में जमाई अपनी धाक