नोटबंदी : कभी कभी लगता है कि हम असल में इतने मुर्ख है या होने का नाटक करते है
अभी अभी नोट बंदी के आकडे आये साफ़ हो गया की प्रधानमन्त्री ने अपने भाषण में नोट बंदी के जितने फायदे गिनाये थे उनमे से एक भी सफल नहीं रहा. न तो जाली नोट पकडाए, न तो काला धन पकडाया और न ही आतंकवाद ख़त्म हुआ तो सवाल है हुआ क्या. हुआ ये की अमीर हो या गरीब सब परेशान हुए, लोगों की मौते हुई, … पढ़ना जारी रखें नोटबंदी : कभी कभी लगता है कि हम असल में इतने मुर्ख है या होने का नाटक करते है