कविता – इश्क के शहर में

मेरी बातें तुम्हें अच्छी लगतीं, ये तो हमको पता ना था तुम हो मेरे हम हैं तुम्हारे, ये कब तुमने हमसे कहा जिस दिन से है जाना मैंने आपकी इन बातों को ना है दिन में चैन कहीं, न है रातों को.. पहली बार जो तुमको देखा, दो झरनों में डूब गए बाँहों से तेरी हुए रूबरू, तो खुद को ही भूल गए जिस दिन … पढ़ना जारी रखें कविता – इश्क के शहर में

गोभक्षक ने पहन रखी थी गोरक्षक की नकाब

सलीम अख्तर सिद्दीकी मेरठ – मेरठ में 26 मार्च को थाना भावनपुर के जयभीम नगर में पुलिस ने एक अवैध बूचड़खाने पर छापा मारा तो उसका संचालक राहुल ठाकुर नाम का वह शख्स निकला, जिसने गोरक्षक की नकाब पहन रखी थी। वह आए दिन मेरठ से गुजरने वाले उन वाहनों को पुलिस के साथ मिलकर रोकता था, जिनमें पशु ले जाए जाते थे। हंगामा होता … पढ़ना जारी रखें गोभक्षक ने पहन रखी थी गोरक्षक की नकाब

स्वीकार करने की ताक़त

स्वीकार करने की ताक़त  (Power of Acceptance)———————- क्या हमने कभी भी जिंदगी में ऐसा करने की कोशिश की है, अगर नहीं तो, आज ही सिर्फ 24 घंटे के लिए ये करके देखिये, ऐसा सोचते ही, हम कितना हल्का महसूस करते हैं, …… 1. मालिक अपने कर्मचारी को या कर्मचारी अपने मालिक को. 2. पति अपनी पत्नी को या पत्नी अपने पति को. 3. अध्यापक अपने … पढ़ना जारी रखें स्वीकार करने की ताक़त

योगी के एंटी रोमियो स्क्वाड से बेवजह परेशान हो रहे हैं, कई युवा

एंटी रोमियो स्क्वैड… यह बड़ी अजीब सी चीज है, मगर है और फ़िलहाल उत्तर प्रदेश में है। अभी नया-नया लाया गया है और श्री योगी जी सत्ता में आये तो इसे भी साथ ही लिए आये। यह वो दस्ता है जो प्रेमियों या प्रेमालाप करते युवा-वृद्ध युगलों के विरुद्ध तैयार हुआ है। यानि आप प्रेम करते या फिर प्रेम प्रदर्शित करते पाये गए तो पुलिस … पढ़ना जारी रखें योगी के एंटी रोमियो स्क्वाड से बेवजह परेशान हो रहे हैं, कई युवा

कविता – कुछ मुसलमान भी , सीने से लगाने होंगे – “सतीश सक्सेना”

इनके आने के तो कुछ और ही माने होंगे ! जाने मयख़ाने के, कितने ही बहाने होंगे ! हमने पर्वत से ही नाले भी निकलते देखे ! हर जगह तो नहीं , गंगा के मुहाने होंगे ! धन कमाना हो खूब,मीडिया में आ जाएँ  एक राजा के ही बस, ढोल बजाने होंगे !  सोंच में हो मेरे सरकार,तो कह ही डालो आज भी अनकहे कुछ वाण चलाने होंगे ! राज … पढ़ना जारी रखें कविता – कुछ मुसलमान भी , सीने से लगाने होंगे – “सतीश सक्सेना”

जब एक पिता ने माफ़ किया अपने बेटे के हत्यारों को

अबुधाबी में पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद रियाज़ झगड़े में मारे गए थे. फ़रहान मोहम्मद रियाज़ के पिता हैं जो सज़ा पाने वाले युवकों को माफ़ करने के लिए अपने परिवार और कुछ दोस्तों के साथ पेशावर से अबू धाबी की कोर्ट पहुंचे. ज्ञात होकि पाकिस्तानी नागरिक मुहम्मद रियाज़ के हत्या के दसों आरोपी भारतीय नागरिक हैं. जिन्हें अबुधाबी कोर्ट ने रियाज़ की हत्या का दोषी पाया … पढ़ना जारी रखें जब एक पिता ने माफ़ किया अपने बेटे के हत्यारों को

यूपी का संत कबीर नगर, जहाँ जल जाते हैं खेत खलिहान और किसानों के आशियाने

क्या आप सोच सकते हैं, कि आप दो से तीन माह दिनरात महनत करें और एक दिन आपका बनाया आशियाना किसी आग की चपेट में आ जाये. आपने दिन रात एक करके अपनी जीविका चलाने के लिए न जाने कितने पापड बेले हों और अंत में जब आपको उसका फल मिलने वाला हो तो आपका सब कुछ जलकर रकः हो जाए ! उत्तरप्रदेश का एक … पढ़ना जारी रखें यूपी का संत कबीर नगर, जहाँ जल जाते हैं खेत खलिहान और किसानों के आशियाने

जब मौलाना आजाद ने किया कांग्रेस के बिगड़ते मिजाज़ का अपनी किताब में ज़िक्र

यह उन दिनों की बात है जब मिस्टर नरीमन को सरदार पटेल की चालबाजी ने मुंबई का मुख्यमंत्री होने से रोक दिया था और एक अल्पसंख्यक होने के नाते मिस्टर नरीमन को अपना सब कुछ गवाना पड़ा और एक उभरता हुआ राजनेता सरदार पटेल की वजह से डूब गया अब आते हैं ऐसे ही एक कारनामें पर बिहार में किया कांग्रेसियों बिहार में सुबे के … पढ़ना जारी रखें जब मौलाना आजाद ने किया कांग्रेस के बिगड़ते मिजाज़ का अपनी किताब में ज़िक्र

नफ़रत की उपजाऊ ज़मीन है, सोशल मीडिया पर ब्रेनवाश का सिस्टम

हमारे भारत में बहुत लोग बसते हैं। हमारी तादाद भारी है। उसमें नयी उम्र के लोग कहिये तो काफी से भी ज्यादा हैं। हमारे इस प्यारे से देश में आज भी गाँव और छोटे शहर ही ज्यादा हैं। और ऐसे हर शहर और हर छोटे-बड़े गाँव में पल रहे युवाओं में फैशन का शौक टीवी के रंगीन पर्दों ने कुछ ऐसा डाला कि अब वे … पढ़ना जारी रखें नफ़रत की उपजाऊ ज़मीन है, सोशल मीडिया पर ब्रेनवाश का सिस्टम

देश की अर्थव्यवस्था अंबानी-अडानी नही बगैर लाइसेंस परमिट वाले चलाते हैं – प्रशांत टंडन

अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा मानवीय और पवित्र है बिना लाइसेंस परमिट वालो की वजह से: मैं जिससे आलू, प्याज़ टमाटर लेता हूँ उसके पास इन्हे बेचने का कोई लाइसेंस नही है, सुबह जो अखबार डालते है उनके पास भी अखाबार बेचने का कोई परमिट नही है, मेरे अपार्टमेंट के गेट पर सुबह डबलरोटी, दूध, अंडे वगेहरा जो बेचने आता है उसके पास भी कोई … पढ़ना जारी रखें देश की अर्थव्यवस्था अंबानी-अडानी नही बगैर लाइसेंस परमिट वाले चलाते हैं – प्रशांत टंडन

कविता – बस स्मृति हैं शेष

अति सुकोमल साँझ- सूर्यातप मधुर; सन्देश-चिरनूतन, विहगगण मुक्त: कोई भ्रांतिपूर्ण प्रकाश असहज भी, सहज भी, शांत अरु उद्भ्रांत… कोई आँख जिसको खोजती थी! पा सका न प्रमाण; युतयुत गान; मेरे प्राण ही को बेधते थे| शांति और प्रकाश, उन्मन वे विमल दृग्द्वय समय की बात पर संस्थित मुझे ही खोजते थे| मैं न था, बस एक उत्कंठा मुझे घेरे खड़ी थी! व्याप्त करती श्वास प्रति … पढ़ना जारी रखें कविता – बस स्मृति हैं शेष

व्यक्तित्व- आजादी की लड़ाई के इंकलाबी हीरो “भगत सिंह”

भारत के स्वतंत्रता संग्राम के हीरो भगत सिंह का जन्म २७ सितंबर १९०७ को हुआ था। उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती कौर था। अमृतसर में १३ अप्रैल १९१९ को हुए जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड के बाद सरदार भगत सिंह पूरे देश की तरह अन्दर से हिल गए थे, लाहौर के नेशनल कॉलेज़ की पढ़ाई छोड़कर उन्होंने नौजवान भारत सभा … पढ़ना जारी रखें व्यक्तित्व- आजादी की लड़ाई के इंकलाबी हीरो “भगत सिंह”

लमहों ने खता की थी, सदियों ने सजा पाई है

कुछ गिने चुने लोगों के पाप की सजा कई नस्लों को भुगतना पड़ता है आमजनों को भुगतना पड़ता है बाबरी मस्जिद को गिराए जाने का पाप भी कुछ ऐसा ही है पिछले दो पीढियों ने भुगता है और आने वाली कई पीढयो को शायद भुगतना पड़े इस बात का बहुत ज्यादा फिक्र है “इलाहाबाद हाईकोर्ट (2010 का फैसला) का फैसला आने से पहले, प्रधानमंत्री वीपी … पढ़ना जारी रखें लमहों ने खता की थी, सदियों ने सजा पाई है

बापू के भारत का मौजूदा सूरतेहाल

बहुत दिन बीते हमारे मुल्क में गाँधी जी पैदा हुए थे। बड़ी लड़ाई लड़ी उन्होंने। अपने मुल्क में भी और दीगर देश में भी। दूसरों की चोट से खुद चोटिल होते रहे और दूसरों को अपना समझकर उनके दुख-तकलीफों के निदान में खुद को होम करते रहे। अपने को जलाते-जलाते अपने मुल्क में उजाला ला दिए। शख्शियत ऐसी कि अपने देश में ही नहीं बल्कि … पढ़ना जारी रखें बापू के भारत का मौजूदा सूरतेहाल

यह एक सत्य है, कि भारतीय मुस्लिमों ने किसी मुस्लिम राजनैतिक दल को सपोर्ट नहीं किया

रोटी दोनों हाथ से पकती है और जिन लोगों को एक हाथ से रोटी पका लेने में विश्वास है उन लोगों ने योगी आदित्यनाथ का खुलकर सपोर्ट किया
और हमको लगता है कि आपसी भाईचारे की रोटी दोनों हाथ से पकती है इसलिए हम योगी आदित्य नाथ के पक्ष में खुलकर नहीं बोल सकते।

UP में भाजपा को हराने का ठेका केवल अल्पसंख्यक नहीं ले रखा था ? क्या इससे पहले यूपी की सत्ता में कोई अल्पसंख्यक मुख्यमंत्री था? क्या विपक्ष में कोई मुस्लिम पार्टी थी? क्या चौधरी चरण सिंह, राम मनोहर लोहिया, एनडी तिवारी, कांशी राम, मुलायम सिंह यादव, कुमारी मायावती, और अखिलेश यादव किसी मुस्लिम समाज से आया था या फिर इसी देश के हिंदू परिवार से नेता बने,
उपरोक्त नेताओं में से कितनों ने किसी मुस्लिम को अपनी पार्टी का बड़ा नेता बना दिया?

यूपी सरकार के कैबिनेट में क्या मुस्लिम मंत्रीयों की संख्या अधिक थी? या फिर योगी सरकार से पहले ओवैसी की सरकार थी? यूपी विधान सभा में कितने ऐसे बिल ओवैसी के मंत्री मंडल ने पास किए जिससे अराजकता आ गई या फिर मुसलमानों के पास सबसे अधिक काले धन आ गए थे?
क्या यूपी सरकार में सरकारी विभाग में मुस्लिम जंसंख्या के अनूपात में अधिक सरकारी नौकरी मिल गई थी? या फिर यूपी में सरकारी ठेकों में मुसलमानों की हिस्सेदारी बढ गई थी?
क्या अखिलेश के चुनावी घोषणा पत्र में सबसे ज्यादा ध्यान मुसलमानों पर केंद्रित था?
यह वह सवाल हैं जो आप अपने आप से पूछिए? क्या नोटबंदी का मार जलने वाले सबसे अधिक मुसलमान ही थे हिंदू नहीं थे?
क्या दंगों में केवल या दंगों से केवल मुसलमानों की ही शांति भंग होगी? पढ़ना जारी रखें “यह एक सत्य है, कि भारतीय मुस्लिमों ने किसी मुस्लिम राजनैतिक दल को सपोर्ट नहीं किया”

सिद्धू ने दिया कॉमेडी नाईट्स को लेकर एक बड़ा बयान

चंडीगढ़। पंजाब सरकार में नए स्थानीय निकाय मंत्री बने नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को अपना पदभार औपचारिक रूप से संभाला। इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए सिद्धू ने कहा कि पंजाब में अब नया सवेरा हो चुका है, काले बादल छठ गए हैं। राजनीति को मैं कोई धंधा नहीं बनाना चाहता और मेरा इतिहास देखोगे तो पता चल जाएगा। इसी के साथ ही … पढ़ना जारी रखें सिद्धू ने दिया कॉमेडी नाईट्स को लेकर एक बड़ा बयान

क्या योगी सबका साथ – सबका विकास की राह अपनायेंगे

हमारे देश का संविधान गढ़ने वाले लोग इसे धर्मनिरपेक्ष घोषित कर गए। सामाजिक समरसता और सांप्रदायिक सामंजस्य हमारे देश के मेरुदंड बने रहे। सहिष्णुता हमारा पोषण था और विभिन्न वर्गों के लोगों के बीच पलने वाला परस्पर का सौहार्द्र हमारी मूल पूँजी थी। यह हमारी गौरव गाथा है। व्यापक विविधता के बावजूद स्नेहसिक्त एकता का अखंडित स्वर बरक़रार रखना ही हमारा धर्म भी था और … पढ़ना जारी रखें क्या योगी सबका साथ – सबका विकास की राह अपनायेंगे

फिल्म:- ट्रेप्ड रिव्यू

फिल्म– ट्रैप्ड रेटिंग– 3 सर्टिफिकेट– U/A अवधि– 1 घंटा 42 मिनट स्टार कास्ट– राजकुमार राव, गीताजंलि थापा डायरेक्टर– विक्रमादित्य मोटवानी प्रोड्यूसर– मधु मंताना, विकास बहल, अनुराग कश्यप म्यूजिक– आलोकानन्द दासगुप्ता कहानी– फिल्म की कहानी शौर्य (राजकुमार राव) पर आधारित है जो गलती से अपने ही फ्लैट में बंद हो जाता है. असल में शौर्य और नूरी (गीताजंलि थापा) एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं … पढ़ना जारी रखें फिल्म:- ट्रेप्ड रिव्यू

जब रेस्टारेंट मालिक ने गुजरात पुलिस को फ्री खाना देने से मना किया

भावनगर : वैसे तो पुलिस का काम है सुरक्षा करना. नागरिकों की बुरे तत्वों से सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस का होना बेहद ज़रूरी होता है. पर सोचिये यदि वही सुरक्षा करने वाली पुलिस यदि भक्षक बन जाये तो क्या होगा. देश में पुलिसिया ज़ुल्म के अलग-अलग किस्से कई जगह से सुनाई पड़ जाते हैं. ऐसी ही एक ख़बर गुजरात से … पढ़ना जारी रखें जब रेस्टारेंट मालिक ने गुजरात पुलिस को फ्री खाना देने से मना किया

मध्यप्रदेश है देश का रेप कैपिटल, आखिर क्यों चुप हैं देश महिला अपराधों पर

तमाम तरह की चर्चाओं के बीच हम ये भूल जाते हैं, कि इक्कीसवी सदी के इस भारत में महिलाओं पर अत्याचार में कोई कमी नहीं आई है. आज महिला उत्पीडन के दिल दहला देने वाले मामलों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है. बीच में निर्भय काण्ड के समय ऐसा महसूस हुआ था, जैसे देश अब महिला अत्याचारों के विरूद्ध मुखर हो रहा है. पर … पढ़ना जारी रखें मध्यप्रदेश है देश का रेप कैपिटल, आखिर क्यों चुप हैं देश महिला अपराधों पर