जॉर्ज फर्नांडिस के घर आडवाणी और मुलायम की वो गुप्त मुलाकात

बात अप्रैल 1999 की है. उड़ीसा के कांग्रेसी मुख्यमंत्री गिरिधर गोमांग के एक वोट से वाजपेयी की एनडीए सरकार सदन के शक्ति परीक्षण में शिकस्त खा चुकी थी. वाजपेयी और आडवाणी भौचक्के थे. उनके पांवों के नीचे से जमीन खिसक गई थी. सिर्फ एक वोट, सिर्फ एक से वाजपेयी सरकार अल्पमत में आ गई थी और सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति भवन जाकर सरकार बनाने का … पढ़ना जारी रखें जॉर्ज फर्नांडिस के घर आडवाणी और मुलायम की वो गुप्त मुलाकात

राजनीतिक दलों को मिलने वाला पैसा – चंदा या प्रोटेक्शन मनी

राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले चंदो का खुलासा अगर राजनीतिक दल यह बताते हुये नहीं करते हैं कि किस कंपनी या किस आदमी ने कितने पैसे कब कब दिये तो इन्हें चंदा मत कहिये, इन्हें प्रोटेक्शन मनी या रंगदारी टैक्स कहिये। यह टैक्स मूलतः माफिया गिरोहों के सरगना वसूलते हैं, और इसके एवज में धनपतियों को अपना कारोबार बिना किसी झंझट के चलने का … पढ़ना जारी रखें राजनीतिक दलों को मिलने वाला पैसा – चंदा या प्रोटेक्शन मनी

बेरोज़गारी की रिपोर्ट से डर गई सरकार, 45 साल में सबसे ज़्यादा

2017-18 के लिए नेशनल सैंपल सर्वे आफिस की तरफ से कराये जाने वाले श्रम शक्ति सर्वे के नतीजों को सरकार दबा रही है। इस साल पिछले 45 साल में बेरोज़गारी की दर सबसे अधिक रही है। दिसंबर 2018 के पहले हफ्ते में राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग( NSC) ने सर्वे को मंज़ूर कर सरकार के पास भेज दिया लेकिन सरकार उस पर बैठ गई। यही आरोप लगाते … पढ़ना जारी रखें बेरोज़गारी की रिपोर्ट से डर गई सरकार, 45 साल में सबसे ज़्यादा

हिंदू महासभा ने किया राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान

हिंदू महासभा ने गांधी जी की पुण्यतिथि को शौर्य दिवस के रूप में मनाया. वायरल हुए वीडियो में संगठन की राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पांडेय गांधी जी के पुतले को गोली मारते हुए नज़र आ रही हैं. पांडेय ने एक नकली बंदूक का इस्तेमाल कर महात्मा गांधी के पुतले को गोली मारी. इसके अलावा उन्होंने गांधी के हत्यारे गोडसे को माला पहनाई और कार्यकर्ताओं में मिठाई भी … पढ़ना जारी रखें हिंदू महासभा ने किया राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान

गांधी टोपी का इतिहास

गांधी कैप या गांधी टोपी का सम्बंध भारत के स्वाधीनता संग्राम के इतिहास से जुड़ा हुआ है। यह एक सामान्य से किश्ती या नाव के आकार की टोपी है जो आज़ादी की लड़ाई के दौरान सुराजी, ( यह शब्द उन सभी सत्याग्रहियों के लिये प्रयुक्त होता था जो गांधी जी के आदर्शों पर अंग्रेज़ो के विरुद्ध लामबद्ध थे, अक्सर प्रयुक्त होता है, ) लोग अपने … पढ़ना जारी रखें गांधी टोपी का इतिहास

व्यक्तित्व – जब बतक़ मियाँ ने बचाई बापू की जान

आज जब के देश महात्मा गांधी जी की 71 वीं बरसी मनाने में मगन है और पूरा सोशल मीडिया गांधी जी को श्रद्धांजली अर्पित कर रहा है,ऐसे समय में एक हस्ती और है जिसको याद किए बग़ैर यह चर्चा ही अधूरी है. मैं बात कर रहा हूं भारत के महान सपूत और स्वतंत्रता सेनानी बत्तख़ मियां की, इस देश की यह विडंबना ही है के … पढ़ना जारी रखें व्यक्तित्व – जब बतक़ मियाँ ने बचाई बापू की जान

क्या यह भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला है

कोबरापपोस्ट वेबसाइट ने 31,000 करोड़ के कथित घोटाला के पर्दाफाश किया है। कोबरापोस्ट का कहना है कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध दस्तावेज़ों के विश्लेषण से ही घोटाले का पता चलता है। ये पैसा किसी कंपनी का नहीं है बल्कि जनता का पैसा जिसे अलग अलग कंपनियां बनाकर उसके खाते में डाला जाता है, ये कंपनियां भी उन्हीं प्रमोटर की होती हैं जो लोन का पैसा … पढ़ना जारी रखें क्या यह भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला है

शराबबंदी के बाद बिहार में नशेड़ी कुछ यूं कर रहे है नशे का इंतेज़ाम

शराब एक ऐसी चीज़ जिसके सेवन करने से इंसान होश में नहीं रहता है अक्सर नशे में शैतानी हरकतों को अंजाम दे जाता है, और फिर वह नर पिशाच बन कर इंसानियत को हानि पहुंचाता रहता है। हमारे देश के कई राज्यों ने इसके ख़रीद व फरोख्त पर पाबंदी लगाई हुई है जिसके पालन का सख़्त क़ानून है। चूंकि इस के सेवन ने समाजिक तानेबाने … पढ़ना जारी रखें शराबबंदी के बाद बिहार में नशेड़ी कुछ यूं कर रहे है नशे का इंतेज़ाम

क्या सरकार आर्थिक मोर्चे पर झूठे और मेन्युपुलेटेड आंकड़े पेश कर रही है?

यह सरकार भारत के इतिहास में सिर्फ झूठ बोलने ओर आंकड़ो को अपने हिसाब से मैनिपुलेट करने के लिए जानी जाएगी. कल (29 जनवरी 2019 को ) खबर आई कि वित्त वर्ष 2017-18 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 18 फीसद बढ़कर 28.25 लाख करोड़ रुपये हो गया, यह खबर सभी बड़े अखबारों की हेडिंग बन रही थी, लेकिन अंदर खबर पढ़ी तो पता चला कि … पढ़ना जारी रखें क्या सरकार आर्थिक मोर्चे पर झूठे और मेन्युपुलेटेड आंकड़े पेश कर रही है?

एक महानायक की व्यथा !

महात्मा गांधी के जीवन का आखिरी साल हमारे इतिहास की कुछ सबसे त्रासद घटनाओं का साक्षी रहा है। यह वह वक़्त था जब भारतीय स्वतंत्रता-संग्राम का महानायक अचानक देश का सबसे अकेला, सबसे उदास, सबसे उपेक्षित व्यक्ति नज़र आने लगता है। उसकी बात सुनने वाला कोई नहीं था। उन्होंने नहीं चाहा कि देश का बंटवारा हो, लेकिन उनके सत्ता-लोलुप शिष्यों ने अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के … पढ़ना जारी रखें एक महानायक की व्यथा !

अयोध्या – अविवादित ज़मीन के अधिग्रहण का प्रयास

जिस जमीन पर टाइटिल सूट का विवाद है, वह तो अदालत के विचाराधीन है ही। पर जिस पर टाइटिल सूट का कोई विवाद नहीं है उस जमीन को अधिग्रहित करने के लिये सुप्रीम कोर्ट से पूछना क्यों जरूरी है ? पूछना इसलिए जरूरी है कि उसपर किसी भी प्रकार के स्थायी निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगायी गयी है। वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत टंडन जी … पढ़ना जारी रखें अयोध्या – अविवादित ज़मीन के अधिग्रहण का प्रयास

जहां से शुरुआत की, आखिर उन उसूलों को क्यों छोड़ गए थे जार्ज

मुसा हुआ कुर्ता, बिखरे बाल, बिना फाटक का सरकारी बंगला और लड़ाकू शख्सियत ये ब्रांड जॉर्ज फर्नांडीज़ की पहचान थी. जिस समाजवादी विचारधारा ने उन्हे ये सब दिया और लोगों को दीवाना बना दिया जॉर्ज साहब ने अपनी राजनीति की दूसरी पारी में अपने से अलग कर लिया. इमरजेंसी के हीरो रहे जॉर्ज फर्नांडीज़ जेल में रह कर ही मुजफ्फरपुर से भारी मतों से चुनाव … पढ़ना जारी रखें जहां से शुरुआत की, आखिर उन उसूलों को क्यों छोड़ गए थे जार्ज

व्यंग – एक बोतल और क़सम पर बिकता लोकतंत्र

रामलाल अपने दरवाजे पर निश्चिन्त बैठा हुआ था. उतना ही निश्चिन्त जितना कि दोनों हाथों से तंबाकू बनाते हुए एक आम भारतीय हो सकता है. चुनाव से पहले भारत में एक खास प्रकार का रोजगार पैदा होता है. ये रोजगार सरकार पैदा नहीं करती. ये उनकी जरुरत बन जाती है. इसे जनता अपनी चालाकी से पैदा करती है. जिसमें आम लोगों को कमाई में पैसे … पढ़ना जारी रखें व्यंग – एक बोतल और क़सम पर बिकता लोकतंत्र

जब जोर्ज फर्नांडिस ने आईबीएम और कोका-कोला को देश छोड़ने का आदेश दिया

प्रख्यात समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे। भारत के समाजवादी आंदोलन के वे एक मज़बूत स्तम्भ थे। 1967 में, महाराष्ट्र के कद्दावर कांग्रेसी नेता एसके पाटिल को बम्बई से हराकर, वे लोकसभा में पहुंचे थे। 1975 में जब आपातकाल की घोषणा हुयी तो वे लंबे समय तक भूमिगत रहे और फिर उनपर … पढ़ना जारी रखें जब जोर्ज फर्नांडिस ने आईबीएम और कोका-कोला को देश छोड़ने का आदेश दिया

नितिन गडकरी मोदी को चुनौती दे रहे हैं या अपना बचाव कर रहे हैं

नितिन गडकरी फिर बोले हैं और कहा कि जनता सपने दिखा कर पूरे न करने वाले नेताओं की पिटाई भी करती है. ज़ाहिर है उनकी इस टिप्पणी को मोदी के ही संदर्भ में देखा जाएगा. पहले भी इसी तरह के बयान देकर वो मोदी को परोक्ष चुनौती दे चुके हैं. क्या ये समझा जाये कि उन्हे आरएसएस से आगे बढ्ने का इशारा मिल गया है. … पढ़ना जारी रखें नितिन गडकरी मोदी को चुनौती दे रहे हैं या अपना बचाव कर रहे हैं

संस्थाओं की बर्बादी के बीच जनता की मदहोशी

सूट-बूट की सरकार से शुरूआत करने वाली मोदी सरकार पांच साल बीतते-बीतते बड़े लोगों की सरकार हो गई है। बड़े लोगों की चिन्ता में जेटली जी दुबले हुए जा रहे हैं। महीनों जजों की कुर्सी ख़ाली रही मगर सरकार अपने अहं की लड़ाई लड़ती रही। आम लोग इंसाफ़ के लिए भटकते रहे। प्रतिष्ठा धूल मिट्टी में मिलती रही। तब भारत के ब्लॉग मंत्री सह वित्त … पढ़ना जारी रखें संस्थाओं की बर्बादी के बीच जनता की मदहोशी

समीक्षा – निष्पक्ष नहीं है ठाकरे पर बनी फ़िल्म, छुपाये गए हैं कई सत्य

शिवसेना का सांसद ही शिवसेना के संस्थापक पर फिल्म लिखेगा तो उससे आप कितना निष्पक्ष रहने की उम्मीद करेंगे? तो बस, संजय राउत ने बाल ठाकरे के नाम पर जो एक ‘पृथ्वीराज रासो’ रच दिया है उसी का नाम फिल्म ‘ठाकरे’ है, मगर फिल्म बनाने वालों से एक गफलत हो गई। पूरी फिल्म में ठाकरे के जीवन वृत्त से जो संदेश प्रसारित होता है वो … पढ़ना जारी रखें समीक्षा – निष्पक्ष नहीं है ठाकरे पर बनी फ़िल्म, छुपाये गए हैं कई सत्य

मोदी सरकार के इस बिल से क्यों नाराज़ हैं पूर्वोत्तर राज्यों के नागरिक

26 जनवरी को जब दिल्ली सहित पूरे देश मे गणतंत्र दिवस 2019 मनाया जा रहा था तो इसी अवसर पर देश के सुदूर पूर्व में स्थित एक छोटे से राज्य मिजोरम में वहां के राज्यपाल के राजशेखरन मात्र 6 सशस्त्र कन्टिनजेन्ट की टुकड़ी की सलामी एक लगभग जनशून्य स्टेडियम में ले रहे थे। पूरे मिजोरम में वहां की जनता ने गणतंत्र दिवस समारोहों का बहिष्कार … पढ़ना जारी रखें मोदी सरकार के इस बिल से क्यों नाराज़ हैं पूर्वोत्तर राज्यों के नागरिक

गैरमुस्लिमों के लिए अहमदाबाद की इस मस्जिद ने खोले द्वार

अहमदाबाद के रखियाल क्षेत्र की “उमर बिन खत्ताब मस्जिद” में 27 जनवरी 2019 को एक अनोखा आयोजन किया गया. यह आयोजन न सिर्फ़ गुजरात बल्कि देश में पहली बार आयोजित किया गया था. इस आयोजन का विषय था “आओ, मस्जिद की मुलाकात लें”. प्रोग्राम के आयोजकों ने मस्जिद के बाहर बोर्ड लगाकर गैर मुस्लिमों को मस्जिद में आमंत्रित किया था. जिसमें बड़ी तादाद में हिंदू … पढ़ना जारी रखें गैरमुस्लिमों के लिए अहमदाबाद की इस मस्जिद ने खोले द्वार

चंदा कोचर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने वाले सीबीआई अफसर का ट्रांसफर

पिछले चार साल से हो रही कार्पोरेटी लूट केवल और केवल सरकार, वह भी ढाई आदमी की विकलांग सरकार की जनविरोधी नीतियों का परिणाम है। सीबीआई ने जब,आईसीआईसीआई ICICI बैंक की सरगना चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के मालिक वीएम धूत पर सख्ती की और मुक़दमा कायम किया तो, अमेरिका में अस्पताल के आईसीयू में अधलेटे वित्तमंत्री अरुणजेटली ने एक ब्लॉग लिख … पढ़ना जारी रखें चंदा कोचर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने वाले सीबीआई अफसर का ट्रांसफर