समकालीन भारतीय राजनीति में गठबंधन का सिर्फ एक नियम होता है, ‘सत्ता’

भारत में राजनीति जैसा विषय नया नहीं है, ये हर्यक वंश से पहले भी पहचान रखता था और आज भी रखता है। शुद्ध राजनीति का अस्तित्व स्वतंत्रता के पश्च्यात ही देखने को मिलता है और आज़ादी ने भारतीय राजनीति को राजनीतिक संगठनो की सीमाओं में बाँध दिया है,विभिन्न विचारधाराओ ने राजनीति के विभिन्न रूपों को उजागर किया है। राजनीतिक विचारधारा कोई अलग चीज़ नहीं है. … पढ़ना जारी रखें समकालीन भारतीय राजनीति में गठबंधन का सिर्फ एक नियम होता है, ‘सत्ता’

ये तो मानना पड़ेगा ” बिहार में जनमत का अपहरण किया गया “.

ये पोस्ट करना जरूरी नहीं था,पर अभी चलन में हिट अंतरात्मा की आवाज़ पे कर रहा हूँ कि सारे तर्क कुतर्क के बावजूद ये तो मानना पड़ेगा ” बिहार में जनमत का अपहरण किया गया “…..मोदी जी को इतनी इज़्ज़तदारी दिखानी तो चाहिए ही थी, कुर्सी के लिए लालू जी से छिना जूठन नहीं खाना चाहिए था। माना आप अटक से कटक तक अपना झंडा … पढ़ना जारी रखें ये तो मानना पड़ेगा ” बिहार में जनमत का अपहरण किया गया “.

तेजस्वी के रूप में नीतीश ने एक समानांतर नेता खड़ा कर लिया है

आज बिहार विधानसभा में तेजस्वी का 41 मिनट का भाषण सुनने लायक़ है। नीतीश ने एक समानांतर नेता खड़ा कर दिया है। नीतीश कुमार और भाजपा को क़ायदे से धोया है। पर, शर्म सबको कहां आती! अभी के तेवर से लग रहा है कि लालू नेपथ्य में भी चले जाएं, तो तेजस्वी अब काफ़ी हैं नीतीश की शल्यचिकित्सा के लिए। मुसीबत में वो और भी … पढ़ना जारी रखें तेजस्वी के रूप में नीतीश ने एक समानांतर नेता खड़ा कर लिया है

क्या इतिहास बदलने से व्यवस्था बदल जाएगी?

राजस्थान सरकार राज्य की व्यवस्था परिवर्तन के मुद्दे पर सता में आई थी. पर अब राज्य की व्यवस्था परिवर्तन तो हो चूका है. तो अब सरकार ने ठान लिया है कि क्यों न बचे हुए एक साल में इतिहास बदला जाए. महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हल्दीघाटी का युद्ध हुआ था. इतिहासकार मानते है कि उसमें अकबर की जीत हुई थी. पर अब राजस्थान … पढ़ना जारी रखें क्या इतिहास बदलने से व्यवस्था बदल जाएगी?

कुपोषित बच्चों को सही देखभाल एवं मार्गदर्शन की ज़रूरत

कल उज्जैन में एक एनजीओ द्वारा संचालित होस्टल में दो छात्रों की सांप काटने से मृत्यु हो गई और शासन ने जिला प्रशासन के सी ई ओ को आदेशित किया है कि जांच करें. खबरों के अनुसार बच्चे जो सौ की संख्या में है उन्हें बेहद गलीज हालात में रखा जाता है और नीचे सुलाया जाता है. बच्चे देश की संपत्ति है और वे भावी … पढ़ना जारी रखें कुपोषित बच्चों को सही देखभाल एवं मार्गदर्शन की ज़रूरत

भले ही वो हार गयीं, पर दिल जीत लिया

पिछली दफा जब पीवी सिन्धु का रियो में ओलंपिक फाइनल देख रहे थे। आशाएं थी गोल्ड मैडल की. मैच समाप्त हुआ और उम्मीदें भी. उस समय भी सिन्धु ने हारकर भी खूब वाह-वाही लूटी। जिसकी वो सिल्वर मैडल जीतकर हकदार भी थी। लगभग एक साल बाद वो ही वाक्या क्रिकेट के रूप में रिपीट हुआ। इस बार बस खेल और जगह ही अलग थी।पूर्ण रूप … पढ़ना जारी रखें भले ही वो हार गयीं, पर दिल जीत लिया

म.प्र. मे गिरता शिक्षा का स्तर और कुंभकरण बना शिक्षा विभाग

एनडीटीवी पर प्राइम टाइम पर मप्र के शाजापुर और आगर जिले में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की पोस्टमार्टम परक रपट देखकर बहुत दुख हुआ। प्रदेश में मैंने 1990 से 1998 तक बहुत सघन रूप से राजीव गांधी शिक्षा मिशन के साथ काम करके पाठ्यक्रम, पुस्तकें लिखना, शिक्षक प्रशिक्षण और क्षमता वृद्धि का कठिन काम किया था । अविभाजित मप्र में बहुत काम करके लगा था … पढ़ना जारी रखें म.प्र. मे गिरता शिक्षा का स्तर और कुंभकरण बना शिक्षा विभाग

रेप केस के मामलो मे दुनिया के टोप 10 देशों में, एक भी मुस्लिम देश नही

मेरे सामने रेप के हवाले से टॉप टेन देशों की लिस्ट मौजूद है जिसमें 10 नंबर पर जो मुल्क है उसका नाम इथोपिया है जहां की 60% औरतों को सेक्सुअल वायलेंस का सामना करना पड़ता है और हर 17 में से एक औरत का रेप हो ही जाता है याद रहे एक कोई मुस्लिम मुल्क नहीं एक ईसाई मुल्क है रेप के हवाले से 9 … पढ़ना जारी रखें रेप केस के मामलो मे दुनिया के टोप 10 देशों में, एक भी मुस्लिम देश नही

कविता – दिल का समंदर

तेरे दिल का समंदर है गहरा बहुत पर डुबाने को मुझको ये काफी नहीं कल फिर तुम तोड़ोगी वादा कोई फिर कहोगी गलती मैंने की माफ़ कर दो मुझे और आगे से गलती फिर होगी नहीं तेरे दिल का समंदर है गहरा बहुत पर डुबाने…. कुछ कहता हूँ मैं तुम सुनो ध्यान से तोड़ा अब फिर से जो तुमने वादा कोई जायेंगे भूल हम भी … पढ़ना जारी रखें कविता – दिल का समंदर

भारतीय राजनीति में परिवर्तन के चेहरे

जनलोकपाल की माँग को लेकर दिल्ली सेे शुरु हुआ एक आंदोलन अति शीघ्र ही भारत के अधिकतर भागों में फैल गया लेकिन इस देश के भाग्य-विधाता, नीति-निर्माता तनिक भी विचलित नहीं हुए । शतकों, दशकों से देश में राजनीति कर रहे धुरंधर इन टोपी पहने कुछ सिरफिरे बुजुर्ग, अधेड़ व युवा आंदोलनकारियों से तनिक भी चिन्तित नहीं थे । एक तरफ जंतर-मंतर पर एकत्रित लोग … पढ़ना जारी रखें भारतीय राजनीति में परिवर्तन के चेहरे

सत्ता और कार्पोरेट मीडिया हर जनपक्षधर आवाज को संदिग्ध बना देना चाहती है

सत्ता के भी षड्यंत्र का जवाब नहीं! फासिस्ट सत्ता हर उस आवाज को दफन कर देना चाहती है, जो सत्ता की पोल-पट्टी खोलती हो और गरीब-मजलूम जनता के पक्ष में आवाज बुलंद करती हो। षड्यंत्रकारी सत्ता इसमें नीचता की तमाम हदें पार कर रही है। जनता को सुरक्षा, सम्मान व रोजी-रोटी देने में नाकाम सत्ता जनता की नजर में संदिग्ध हो रही अपनी छवि को … पढ़ना जारी रखें सत्ता और कार्पोरेट मीडिया हर जनपक्षधर आवाज को संदिग्ध बना देना चाहती है

सज़ा का मक़सद केवल दोषी को सुधारना नही होता

यह एक गलत तर्क है कि सजा का मकसद केवल दोषी को सुधारना होता है, सजा का मकसद केवल दोषी को सुधारना नहीं बल्कि अन्य लोगो को गलत कार्य और उसके परिणाम के प्रति चेताना भी होता है। मतलब बुरे काम का बुरा नतीजा आना आवश्यक है। अगर बुरे काम के भी अच्छे नतीजे आने लगे तो हर कोई बुराई के रास्ते पर बिना झिझक … पढ़ना जारी रखें सज़ा का मक़सद केवल दोषी को सुधारना नही होता

मध्यप्रदेश में ब्यूरोक्रेसी की आत्म मुग्धता चरम पर है

मप्र में ब्यूरोक्रेसी की आत्म मुग्धता चरम पर है और इसमे वे अपने को, अपने काम को और अपनी छबि को चमकाने के लिए किसी भी हद तक जाकर काम कर रहे है इसके विपरीत वे अपने मातहतों के साथ बहुत बुरा व्यवहार भी कर रहे है. यह बात इन दो उदाहरणों से समझी जा सकती है. ऐसा नहीं है कि या कोई आज की … पढ़ना जारी रखें मध्यप्रदेश में ब्यूरोक्रेसी की आत्म मुग्धता चरम पर है

गुजरात चुनाव जीतने के लिए लिखी जा रही धार्मिक उन्माद की पटकथा

सलीम अख्तर सिद्दीकी सड़क पर चला जा रहा था। अचानक एक तेज आवाज हुई। दो बाइकें आपस में भिड़ गर्इं थीं। दोनों बाइकों के चारों सवार सड़क पर जा गिरे। देखते ही देखते भीड़ जमा हो गई। चारों को पहचानना मुश्किल नहीं था। सभी मुसलमान थे। इलाका पूरा हिंदू बहुल था। किसी ने नहीं सोचा कि सड़क पर पड़े लोगों का धर्म क्या है? सभी … पढ़ना जारी रखें गुजरात चुनाव जीतने के लिए लिखी जा रही धार्मिक उन्माद की पटकथा

कैसे चेक करें कि जो आप पढ़ रहे हैं वह अफवाह है या ख़बर।

कैसे चेक करें कि जो आप पढ़ रहे हैं वह अफवाह है या ख़बर। बहुत आसान है यह पता लगाना। मान लीजिए किसी ने लिखा कि फलां शहर में अभी अभी ट्रेन दुर्घटना हुई है। अब आपने पोस्ट पढ़ लिया। सबसे पहले आप उस पोस्ट को शेयर करने का प्रयास करेंगे। कॉपी करके अपने वॉल पर लगाएंगे। सही तरीके से आपको क्या करना चाहिए? जैसे … पढ़ना जारी रखें कैसे चेक करें कि जो आप पढ़ रहे हैं वह अफवाह है या ख़बर।

हिंसा के शिकार हिन्दुओ की मदद करेंगे प. बंगाल के मुसलमान

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में एक फेसबुक पोस्ट से भड़की हिंसा के बीच एक अच्छी खबर आ रही है। दरअसल हिंसा के दौरान यहाँ प्रदर्शनकारियों ने हिन्दुओं की दुकानों में तोड़फोड़ की थी। इसलिए यहाँ बशीरहाट में इलाके के कुछ मुसलमानों ने हिंसा में नुकसान उठाने वाले हिन्दुओं की मदद करने का फ़ैसला किया है। हिन्दुओं की मदद करने वालों में से … पढ़ना जारी रखें हिंसा के शिकार हिन्दुओ की मदद करेंगे प. बंगाल के मुसलमान

कविता – ये दुनिया आखिरी बार कब इतनी खूबसूरत थी?

ये दुनिया आखिरी बार कब इतनी खूबसूरत थी? जब जेठ की धधकती दुपहरी में भी धरती का अधिकतम तापमान था 34 डिग्री सेलसियस। जब पाँच जून तक दे दी थी मानसून ने केरल के तट पर दस्तक, और अक्टूबर के तीसरे हफ्ते ही पहन लिए थे हमने बुआ के हाथ से बुने हॉफ़ स्वेटर… ये दुनिया आखिरी बार…….. जब सुबह आ जाता था आंगन में … पढ़ना जारी रखें कविता – ये दुनिया आखिरी बार कब इतनी खूबसूरत थी?

क्या बिन तम्बाकू वाले पान मसाले ‘सेफ’ हैं

बिन तम्बाकू वाला पान मसाला खा रहे हैं, कत्था, चूना, सुपारी जैसी नैचुरल चीज़ें हैं इसमें। दिक्कत क्या है?” नहीं, ये किसी नशेड़ी पाउच पिचकू के विचार नहीं बल्कि एक सभ्य, सम्भ्रान्त, उच्च शिक्षित महिला के विचार हैं। थोड़ा ढूंढने पर समान विचारधारा वाले कई ‘मासूम’ मिले, जो समझते हैं तम्बाकू ही सारे फसाद की जड़ है। दरअसल हममें से ज़्यादातर यही सोचते हैं कि … पढ़ना जारी रखें क्या बिन तम्बाकू वाले पान मसाले ‘सेफ’ हैं

मुहब्बत में “मैं ” को मारना पड़ता है

मोहब्बत क्या है? किसी को पाना या खुद को खो देना..! इश्क़, मोहब्बत प्रेम इस दुनिया का सबसे दिलचस्प और सबसे भ्रामक विषय है.. जितने लोग उतने एहसास.. उतनी बातें..! प्रेम दुखदायी भी हो सकता है, क्योंकि इससे आपके अस्तित्व को खतरा है.. जैसे ही आप किसी से कहते हैं, ’मुझे तुमसे मोहब्बत है.. वैसे ही आप अपनी पूरी आजादी खो देते हैं.. क्योंकि उस … पढ़ना जारी रखें मुहब्बत में “मैं ” को मारना पड़ता है

प्रधानमंत्री गाय के लिए तो संवेदना रखते है परंतु अखलाक, पहलू, जुनेद के लिए नही

मुझे गर्व है की हमारे पास ऐसे प्रधानमंत्री है जो प्रत्येक जीव मात्र के लिए संवेदनाओं से भरे हुए है । हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की संवेदनाओं का में कायल हु । हमारे प्रधानमंत्री जी से एक बार पत्रकार ने 2002 गुजरात दंगों पर कुछ प्रश्न पूछा तो जवाब में मोदी जी ने कहा कि जब एक कार के नीचे कुत्ता भी आजाता … पढ़ना जारी रखें प्रधानमंत्री गाय के लिए तो संवेदना रखते है परंतु अखलाक, पहलू, जुनेद के लिए नही