27 मई 1964 – पंडित नेहरु को श्रद्धांजलि देते हुए क्या बोले थे वाजपेयी

27 मई 1964 के दिन जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु हो गयी थी. संसद में भारतीय जनसंघ के नौजवान नेता ,अटल बिहारी वाजपेयी ने 29 मई, 1964 को संसद में उन्हें श्रद्धांजलि दी .उनका भाषण प्रस्तुत है: यह भाषण संसद के रिकार्ड का हिस्सा है. राज्यसभा की 29 मई 1964 की कार्यवाही में छपा है . महोदय, एक सपना था जो अधूरा रह गया, एक … पढ़ना जारी रखें 27 मई 1964 – पंडित नेहरु को श्रद्धांजलि देते हुए क्या बोले थे वाजपेयी

जॉर्ज फर्नांडिस के घर आडवाणी और मुलायम की वो गुप्त मुलाकात

बात अप्रैल 1999 की है. उड़ीसा के कांग्रेसी मुख्यमंत्री गिरिधर गोमांग के एक वोट से वाजपेयी की एनडीए सरकार सदन के शक्ति परीक्षण में शिकस्त खा चुकी थी. वाजपेयी और आडवाणी भौचक्के थे. उनके पांवों के नीचे से जमीन खिसक गई थी. सिर्फ एक वोट, सिर्फ एक से वाजपेयी सरकार अल्पमत में आ गई थी और सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति भवन जाकर सरकार बनाने का … पढ़ना जारी रखें जॉर्ज फर्नांडिस के घर आडवाणी और मुलायम की वो गुप्त मुलाकात

गांधी टोपी का इतिहास

गांधी कैप या गांधी टोपी का सम्बंध भारत के स्वाधीनता संग्राम के इतिहास से जुड़ा हुआ है। यह एक सामान्य से किश्ती या नाव के आकार की टोपी है जो आज़ादी की लड़ाई के दौरान सुराजी, ( यह शब्द उन सभी सत्याग्रहियों के लिये प्रयुक्त होता था जो गांधी जी के आदर्शों पर अंग्रेज़ो के विरुद्ध लामबद्ध थे, अक्सर प्रयुक्त होता है, ) लोग अपने … पढ़ना जारी रखें गांधी टोपी का इतिहास

जब सीमांत गांधी की इस बात पर इंदिरा ने सिर झुका लिया और जेपी रो पड़े

“दो बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित हुए बादशाह खान की जिंदगी और कहानी के बारे में लोग कितना कम जानते हैं। 98 साल की जिंदगी में 35 साल उन्होंने जेल में सिर्फ इसलिए बिताए ताकि इस दुनिया को इंसान के रहने की एक बेहतर जगह बना सकें।” अपनी पूरी जिंदगी मानवता की कल्याण के लिए संघर्ष करते रहे ताकि एक बेहतर कल का … पढ़ना जारी रखें जब सीमांत गांधी की इस बात पर इंदिरा ने सिर झुका लिया और जेपी रो पड़े

मुग़ल बादशाह शाहजहाँ – जिनके शासनकाल में बनी कई ऐतिहासिक इमारतें

5 जनवरी 1592 ईसवी को मुग़ल सल्तनत और दुनिया के आठ अजूबों में से एक “ताजमहल” बनवाने वाले अज़ीम बादशाह ” शाहजहां”(खुर्रम) की पैदाईश पाकिस्तान के लाहौर में हुई थी, जिनका असल नाम खुर्रम था, और जिनको जवानी में ही उनके बाप का जानशीन कहा जाने लगा था,कहा जाता है के शाहजहां का दौर मुग़ल साम्राज्य का सुनहरा दौर था, शाहजहाँ को मुगल शासकों में … पढ़ना जारी रखें मुग़ल बादशाह शाहजहाँ – जिनके शासनकाल में बनी कई ऐतिहासिक इमारतें

“3 दिसंबर 1984” – जब भोपाल में हर ओर नज़र आ रही थीं लाशें

उस रात कई आँखें सोने के लिए बंद हुईं, पर हमेशा के लिए वो आँखें बंद हो गई थीं. किसी ने ख्वाबों में भी उस तबाही के बारे में न सोचा था, जो 3 दिसंबर 1984 को भोपाल शहर के कई परिवारों को बर्बाद कर चुकी थी. जब लोग 2 दिसंबर की रात सोये थे, तब सब कुछ ठीक था. पर 3 दिसंबर की उस … पढ़ना जारी रखें “3 दिसंबर 1984” – जब भोपाल में हर ओर नज़र आ रही थीं लाशें

वो पत्र, जो नेहरु और सरदार पटेल ने एक-दूसरे को लिखा था?

आज सरदार पटेल का जन्मदिन है। आज गुजरात मे उनकी एक विशालकाय प्रतिमा का अनावरण हो रहा है और देश मे एकता दिवस मनाया जा रहा है। कही रन फ़ॉर यूनिटी निकालीं जा रही है तो कहीं उन्हें किसी और तरह से याद किया जा रहा है। आज भारत का जो भौगोलिक स्वरूप हम नक्शे पर देख रहे हैं वह स्वरूप सरदार पटेल का ही … पढ़ना जारी रखें वो पत्र, जो नेहरु और सरदार पटेल ने एक-दूसरे को लिखा था?

22 अक्टूबर 1963 को पंडित नेहरु ने देश को समर्पित की थी “भाखड़ा नंगल परियोजना”

भाखड़ा नांगल बाँध हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर ज़िले में सतलुज नदी पर “बाँध भाखड़ा नांगल परियोजना के अंतर्गत निर्मित किया गया है”. 1948 में इस बाँध के निर्माण का कार्य शुरू हुआ और 1962 में यह बनकर तैयार हुआ.  22 अक्टूबर, 1963 वह तारीख थी जिस दिन  तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस बाँध को राष्ट्र के नाम समर्पित किया. जब यह बाँध बनकर तैयार हुआ था, तो उस समय ये देश का सबसे ऊंचा बाँध … पढ़ना जारी रखें 22 अक्टूबर 1963 को पंडित नेहरु ने देश को समर्पित की थी “भाखड़ा नंगल परियोजना”

पंडित नेहरु के सम्बन्ध में क्या थी अटल बिहारी वाजपेयी की राय?

हाल ही के दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पंडित नेहरु को अपने भाषणों में निशाना बनाते आपने देखा होगा. नरेंद्र मोदी जिस तरह से देश के पहले प्रधानमंत्री को अपने निशाने में लेते हैं. उसकी वजह से पंडित नेहरु के बारे में युवा वर्ग में जिज्ञासा उत्पन्न हो रही है, कि भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी … पढ़ना जारी रखें पंडित नेहरु के सम्बन्ध में क्या थी अटल बिहारी वाजपेयी की राय?

सावरकर – अंग्रेजों को लिखे माफ़ीनामे से भारत विभाजन और गांधी जी की हत्या तक

वीडी सावरकर का 28 मई 1883 को भागुर, नासिक में जन्म हुआ था। उन्हें वीर सावरकर के नाम से पुकारा जाता है। भारतीय स्वाधीनता संग्राम जिसका प्रारम्भ 1857 से माना जाय तो, 1947 तक, इसके नब्बे साल के इतिहास में भारत के किसी भी स्वाधीनता संग्राम के सेनानी जो वीर नहीं कहा गया, यह विशेषण सावरकर को ही क्यों मिला, कब मिला, किसने इस विशेषण … पढ़ना जारी रखें सावरकर – अंग्रेजों को लिखे माफ़ीनामे से भारत विभाजन और गांधी जी की हत्या तक

जब नेहरू की मौत की खबर सुनकर शेख अब्दुल्ला फूट फूट कर रोये थे.

शेष नारायण सिंह 1947 में कश्मीर का मसला जब संयुक्त राष्ट्र में ले जाया गया तो संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव पास हुआ कि कश्मीरी जनता से पूछ कर तय किया जाय कि वे किधर जाना चाहते हैं . भारत ने इस प्रस्ताव का खुले दिल से समर्थन किया लेकिन पाकिस्तान वाले भागते रहे , उस दौर में पाकिस्तान अपनी पूरी ताक़त से कश्मीर में जनमत … पढ़ना जारी रखें जब नेहरू की मौत की खबर सुनकर शेख अब्दुल्ला फूट फूट कर रोये थे.

मेरठ के हाशिमपुरा में 22 मई 1987 को क्या हुआ था?

मेरठ का हाशिमपुरा नरसंहार, शायद बहुत से लोग इसके बारे में जानते भी न हों पर यह नरसंहार अपने आप में एक वहशी नरसंहार था. जिसमे सीधे सीधे सत्ता का दखल माना जाता है. 22 मई 1987.एक पुलिस वैन आकर इस मुस्लिम इलाके में रुकी. एक के बाद एक नौजवानों और लड़कों को गाडी में भरा गया. तेरह से पचहत्तर साल तक के लोग, जिनको … पढ़ना जारी रखें मेरठ के हाशिमपुरा में 22 मई 1987 को क्या हुआ था?

जानें किसने शुरू किया था रुपये का चलन और ग्रांड ट्रंक रोड का निर्माण

शेरशाह सूरी इतिहास के पन्नों में दर्ज वह नाम है, जिसे उसकी वीरता, अदम्य साहस और परिश्रम के बल पर दिल्ली के सिंहासन पर क़ब्ज़ा करने के लिए जाना जाता है. शेरशाह सूरी ने चौसा की लड़ाई में हुमायूं जैसे शासक को न सिर्फ धूल चटाई बल्कि, आगे चलकर उसे मैदान छोड़कर भागने के लिए मजबूर कर दिया था. शेर खां की उपाधि पाने वाले … पढ़ना जारी रखें जानें किसने शुरू किया था रुपये का चलन और ग्रांड ट्रंक रोड का निर्माण

कैसे रची थी लिट्टे ने राजीव गांधी की हत्या की साजिश

भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज 27 वी पुण्यतिथि है.श्रीपेरंबुदूर में 21 मई 1991 को हुए हमले में भारत ने राजीव गांधी के तौर पर एक होनहार नेता ही नहीं खोया, बल्कि यह भारत में पहला विदेशी आतंकवादी हमला भी था. राजीव गांधी की हत्या के पीछे श्रीलंकाई अलगाववादी संगठन लिट्टे का हाथ था. वेलुपिल्लै प्रभाकरण द्वारा 1976 में स्थापित इस संगठन का … पढ़ना जारी रखें कैसे रची थी लिट्टे ने राजीव गांधी की हत्या की साजिश

जब पोखरण में बुद्ध के मुस्कुराने से बौखलाया अमेरिका

आज से ठीक 44 साल पहले भारत ने पहला परमाणु परीक्षण कर पूरी दुनिया को चौंका दिया था.तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारत ने ये करिश्मा कर दिखाया था.भारत के इस धमाके से अमेरिका तक हैरान था. भारत के इस परीक्षण को जहां इंदिरा गांधी ने शांतिपूर्ण परमाणु परीक्षण करार दिया तो वहीं दूसरी तरफ अमेरिका ने भारत को परमाणु सामग्री और ईधन … पढ़ना जारी रखें जब पोखरण में बुद्ध के मुस्कुराने से बौखलाया अमेरिका

गुरिल्ला युद्ध में माहिर थे, अलगाववादी संगठन “लिट्टे” के लड़ाके

साल 1991 में पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में लिप्त रहे श्रीलंका के उग्रवादी संगठन लिट्टे (LTTE) पर 14 मई 1992 के दिन भारत ने प्रतिबंध लगाया था.भारत ने गैरकानूनी गतिविधियां संबंधी अधिनियम के तहत लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) पर प्रतिबंध लगाया था. संगठन पर यूरोपीय संघ, कनाडा और अमेरिका में भी प्रतिबंध लगा हुआ है. गौरतलब है कि श्रीलंका के … पढ़ना जारी रखें गुरिल्ला युद्ध में माहिर थे, अलगाववादी संगठन “लिट्टे” के लड़ाके

श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने जिन्नाह के साथ कई राज्यों में बनाई थी सरकार

13 मार्च 1943 को सिंध असेंबली मे पाकिस्तान का प्रस्ताव पारित हुआ। उस वक़्त जीएम हिदायतुल्लाह की मुस्लिम लीग सरकार में आरएसएस/हिंदू महासभा के तीन मंत्री थे। इसके बावजूद राव साहेब गोकलदास मेवलदास, डा हेमनदास आर वाधवन, और लोलू आर मोतवानी मुस्लिम लीग सरकार में मंत्री बने रहे। किसी ने भी इस्तीफा नहीं दिया। इससे पहले 1941 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंगाल में फज़लुल हक़ … पढ़ना जारी रखें श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने जिन्नाह के साथ कई राज्यों में बनाई थी सरकार

जॉर्ज वाशिंगटन को कितना जानते हैं आप?

30 अप्रैल सन 1789 का दिन अमेरिका के इतिहास के लिये काफी महत्व रखता है. इसी दिन जॉर्ज वॉशिंगटन सर्वसम्मति से अमेरिका के पहले राष्ट्रपति चुने गए थे. वे इस पद पर 4 अप्रैल 1797 तक रहे. अमेरिका के सबसे प्रभावशाली एवं पहले राष्ट्रपति जार्ज वाशिंगटन प्रथम का जन्म 22 फरवरी 1932 में वर्जीनिया के वेस्ट मोरलैंड कांउटी में हुआ था. वाशिंगटन को देश के … पढ़ना जारी रखें जॉर्ज वाशिंगटन को कितना जानते हैं आप?

80 बरस की उमर में अंग्रेजों से लोहा लेने वाले ‘वीर’ कुंवर सिंह

सन 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ भारत के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम में बगावत कर बिहार के भोजपुर और आरा पर कब्जा करने वाले वीर कुंवर सिंह के बारे में नहीं जानते होंगे आप. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों में से एक वीर कुंवर सिंह ने 80 वर्ष की उम्र में अंग्रेजों के खिलाफ तलवार उठाकर आजादी की जो लौ प्रज्वलित की थी उसकी मिसालें कई … पढ़ना जारी रखें 80 बरस की उमर में अंग्रेजों से लोहा लेने वाले ‘वीर’ कुंवर सिंह

रामनाथ गोयनका और धीरू भाई की वो ग़लती

अक्टूबर 1985 का एक दिन था। अंग्रेजी अखबार फायनेंशनल एक्सप्रेस और पीटीआई दोनों ने बॉम्बे डाइंग हाऊस के खिलाफ़ एक खबर और एडिटोरियल दोनों छापे। रामनाथ गोयनका उस वक्त पीटीआई के चेयरमैन भी थे। एडिटोरियल पायदान में सबसे ऊपर होने के बावजूद उन्हें ये समझने में मुश्किल हो रही थी कि बॉम्बे डाइंग के खिलाफ़ ये खबरे,जो ज्यादातर प्लांटेड थी,कहां से आ रही थी,सोर्स क्या … पढ़ना जारी रखें रामनाथ गोयनका और धीरू भाई की वो ग़लती