साबुन-शैम्पू और टूथपेस्ट में झाग की उम्मीद बताती है, कि आपका मस्तिष्क भी नियंत्रण में हैं

साबुन और शैंपू में झाग की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन इसके बावजूद प्रोडक्ट निर्माता साबुन और शैंपू में ऐसे रसायन मिलाते हैं जिससे झाग बने, क्योंकि लोग जब नहाते और बाल धोते हैं तब उन्हें झाग निकलने की उम्मीद होती है। ये उम्मीद उनके अवचेतन में विज्ञापनों के माध्यम से बैठा दी गई है। जब झाग नहीं निकलते या कम निकलते हैं तो लोग उस … पढ़ना जारी रखें साबुन-शैम्पू और टूथपेस्ट में झाग की उम्मीद बताती है, कि आपका मस्तिष्क भी नियंत्रण में हैं

14 मार्च – विश्व वक्र दिवस ( world kidney day ), जानिये कैसे करें किडनी की देखभाल

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः, सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत्। अथर्ववेद में उल्लिखित उपर्युक्त  पाठ का हिंदी पद्यानुवाद:- “सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।” विश्व वृक्क दिवस के चौदहवीं वर्षगांठ  का आयोजन होने जा रहा है। विश्व वृक्क दिवस विश्व भर में प्रतिवर्ष मार्च महीने के … पढ़ना जारी रखें 14 मार्च – विश्व वक्र दिवस ( world kidney day ), जानिये कैसे करें किडनी की देखभाल

स्वास्थ्य – ” हार्ट सेविंग रनिंग टिप्स ” – सतीश सक्सेना

रनिंग सीखे बिना, दौड़ने की कोशिश करना, अधिक उम्र वालों के लिए घातक हो सकता है. अधिकतर प्रौढ़ व्यक्तियों या “समझदार” व्यक्तियों को दौड़ना नहीं आता है वे बच्चों की तरह, हांफते, रुकते, टहलते, दौड़ने का प्रयास करते हैं जिससे उनके हृदय पर विपरीत असर पड़ता है, उन्हें लगता है कि रनिंग में सीखने जैसी क्या बात है. अगर रनिंग करते समय आनंद नहीं आ … पढ़ना जारी रखें स्वास्थ्य – ” हार्ट सेविंग रनिंग टिप्स ” – सतीश सक्सेना

आपके मोटे होने का कारण आलू नहीं, बल्कि आपकी यह आदत है

यह एक सवाल है कि क्या आलू खाये?? क्या आलू खाकर हम मोटे हो जाएंगे?? जवाब : आप मोटे आलू के कारण नही बल्कि बैठे रहने और पैर पसारकर लेटे रहने के कारण होते है। खुद आपको आलू बनना है पर इल्ज़ाम आलू पर लगाते हो। एक 150 ग्राम के आलू में लगभग 110 कैलोरी होती है। यह आपकी दिन भर की लगभग 5 फीसदी … पढ़ना जारी रखें आपके मोटे होने का कारण आलू नहीं, बल्कि आपकी यह आदत है

क्या आप अपने बच्चों को पीरियड्स की सही जानकारी देते हैं ?

लेखक – डॉ कविता सिंह 2014 में जर्मनी के एक एनजीओ Wash United ने मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे शुरू किया था और आज इसके 270 ग्लोबल पार्टनर है .इनका उद्देश्य मेंस्ट्रुअल यानि की मासिक धर्म के सभी मिथक को तोडना और साफ़ सफाई में जागरूकता फैलाना है. विकासशील देशो में मासिक धर्म को लेकर बहुत सी मान्यताये और भ्रांतिया है जिनसे भारत भी अछूता नहीं है … पढ़ना जारी रखें क्या आप अपने बच्चों को पीरियड्स की सही जानकारी देते हैं ?

निपाह वायरस – कारण, लक्षण व उपाय

जैसे जैसे देश औद्योगिकरण और विज्ञान में तरक्की कर रहा है वैसे वैसे नई बीमारियां भी सामने आती जा रही है हाल में निपाह नाम का एक वायरस अस्तित्व में आया है जिसने सबको इसे लेकर चिंता में डाल दिया है क्योंकि आते के साथ ही यह 10 से ज़्यादा लोगो को अपना शिकार बना चुका है। केरल के पोरम्बार इलाके के एक ही परिवार … पढ़ना जारी रखें निपाह वायरस – कारण, लक्षण व उपाय

खाने के मामले में बच्चों को नखरैल न बनने दें

क्या आपके बच्चे के पसंदीदा मेन्यू में घर की सब्ज़ियों/डिशेज़ के बस चुनिंदा नाम हैं? क्या नखराले बच्चों के पोषण को लेकर चिंता रहती है? अलग अलग वैरायटी, रंग बिरंगे खाने, बढ़िया गार्निशिंग सब कोशिश कर ली, पर बच्चे चखने को तैयार हों तब न बात आगे बढ़े। समाधान कई हैं पर समस्या की जड़ पर बात बहुत कम। कुछ बहुत मूलभूत और सरल बातों … पढ़ना जारी रखें खाने के मामले में बच्चों को नखरैल न बनने दें

हार्ट अटैक से बचने के लिए इन उपायों को आज़माया जा सकता है

सामान्य इंसान के दिल की धड़कन 60 से 90 बीट प्रति मिनट होती है, पर कई बार तेज दौड़ने, चलने या किसी भारी काम को करने में हमारे दिल की धड़कन भी तेज हो जाती है. यह एक सामान्य प्रक्रिया है. पर कई बार बहुत ज्यादा खुशी, बहुत तेज डर जाने और रोने पर भी हमारे दिल की धड़कन बहुत तेज हो जाती है. बहुत … पढ़ना जारी रखें हार्ट अटैक से बचने के लिए इन उपायों को आज़माया जा सकता है

हर साल 1.5 मिलियन लोग “टीबी” से मारे जाते हैं

प्रतिवर्ष 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस मनाया जाता है. क्षय रोग जिसे हम टी.बी. के नाम से जानते हैं, का पूरा नाम ट्यूबरकुल बेसिलाइ है. एक संक्रामक बीमारी है, जिससे प्रति वर्ष लगभग 1.5 मिलियन लोग मौत का शिकार होते हैं. भारत में भी यह बीमारी बहुत ही भयावह तरीके से फैली है. क्षय रोग के इस प्रकार से विस्तार पाने का सबसे … पढ़ना जारी रखें हर साल 1.5 मिलियन लोग “टीबी” से मारे जाते हैं

अगर आपके घुटनों में दर्द है, तो अपनाईये ये तरीके

“घुटनों में बहुत दर्द है चलना फिरना दुश्वार है।” यह वाक्य पढ़ते ही पहले एक पचपन पार प्रौढ़ा की छवि बनती थी लोगों के मन में। पर पिछले कुछ सालों में घुटनों के दर्द में इतनी तेज़ी से इज़ाफ़ा हुआ है, परामर्श के लिये आने वाली लगभग 35-40% महिलाएं 20-40 आयु वर्ग की हैं और जो हमारी जीवनशैली है उसे देखते हुए अधिकतम युवा पीढ़ी … पढ़ना जारी रखें अगर आपके घुटनों में दर्द है, तो अपनाईये ये तरीके

मां बनने की बेहतर उम्र क्या है ?

अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ ऊटा की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि तलाक की संभावना को कम करने के लिए शादी की परफेक्ट उम्र  30 से 34 वर्ष है। तो वहीँ दूसरी ओर  डॉक्टर्स का कहना है, इस उम्र में मां बनने पर महिला और होने वाली संतान दोनों हाई रिस्क पर पहुंच जाते हैं। डिलेवरी के बाद भी भविष्य में कई समस्याओं का … पढ़ना जारी रखें मां बनने की बेहतर उम्र क्या है ?

धुंध में ज़िंदगी, चुनौतियां और बचाओ

उत्तर भारत में और खासकर दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या काफ़ी पैर पसार चुकी है. प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि लोगों को अब श्वास लेने में तकलीफ हो रही है. दिल्ली में यह समस्या नई तो नहीं है, पर पिछले कुछ सालों से कोहरा छाने लगा है. जिससे सामान्य जन-जीवन काफी अस्त व्यस्त हो रहा है. कोहरे से विजिब्लिटी कम हो रही … पढ़ना जारी रखें धुंध में ज़िंदगी, चुनौतियां और बचाओ

परिवार और डॉक्टर से न छुपाएं गर्भाशय एवं स्तन की तकलीफ़

महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर हद दर्जा लापरवाह रहती हैं। ये बात सभी ने सुनी होगी। (कोई और उनकी परवाह कर ले तो कोई हर्ज नहीं वैसे)। बहरहाल दिक्कत की बात यह है कि प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही से ज़्यादा डर, भ्रांतियां और शर्म-संकोच बैठा होता है मन में। डर इतना कि यदि स्तन या गर्भाशय में कोई तकलीफ़ है तो यह किसी गम्भीर … पढ़ना जारी रखें परिवार और डॉक्टर से न छुपाएं गर्भाशय एवं स्तन की तकलीफ़

क्या बिन तम्बाकू वाले पान मसाले ‘सेफ’ हैं

बिन तम्बाकू वाला पान मसाला खा रहे हैं, कत्था, चूना, सुपारी जैसी नैचुरल चीज़ें हैं इसमें। दिक्कत क्या है?” नहीं, ये किसी नशेड़ी पाउच पिचकू के विचार नहीं बल्कि एक सभ्य, सम्भ्रान्त, उच्च शिक्षित महिला के विचार हैं। थोड़ा ढूंढने पर समान विचारधारा वाले कई ‘मासूम’ मिले, जो समझते हैं तम्बाकू ही सारे फसाद की जड़ है। दरअसल हममें से ज़्यादातर यही सोचते हैं कि … पढ़ना जारी रखें क्या बिन तम्बाकू वाले पान मसाले ‘सेफ’ हैं

गूलर का पारिस्थितिक, औषधीय और धार्मिक महत्त्व

गूलर- ficus racemosa/ficus glomerata गूलर/उदुम्बर/जंतुफल पंच पल्लवों में से एक है। पंच पल्लव : पीपल, गूलर, अशोक, आम और वट के पत्ते सामूहिक रूप से पंच पल्लव के नाम से जाने जाते हैं। इनका आयुर्वेदीय चिकित्सा और धार्मिक कार्यों में बड़ा महत्त्व है। इकोसिस्टम(पारिस्थितिकी) में भी इसका बड़ा महत्त्व है। ficus कुल की 850प्रजातियां होती हैं रेन फॉरेस्ट इकोसिस्टम में इन्हें key stone species का … पढ़ना जारी रखें गूलर का पारिस्थितिक, औषधीय और धार्मिक महत्त्व

अपनों के प्रति आपकी असहिष्णुता उनको बीमार बना सकती है

पिछले महीने क्लिनिक पर एक पेशेंट आई थी। 20 साल की थी। मम्मी के साथ। एक मोटी सी फाइल भी थी विभिन्न जांचों की। उसे तकरीबन 5 अलग अलग प्रॉब्लम्स थीं। एक के बाद एक सुनने के बाद जो एक बात मुझे समझ आयी, कि बेशक उसे तमाम शारीरिक समस्याएं हैं स्पष्ट, पर सबके तार मन से जुड़े हैं। गहन अवसाद या डिप्रेशन में थी … पढ़ना जारी रखें अपनों के प्रति आपकी असहिष्णुता उनको बीमार बना सकती है