मंटो की एक रचना – मैं कहानीकार नहीं जेबकतरा हूँ

सआदत हसन मंटो (11 मई 1912 – 18 जनवरी 1955) उर्दू के प्रसिद्ध लेखक थे, जो अपनी लघु कथाओं, बू, खोल दो, ठंडा गोश्त और बंटवारे पर लिखी मार्मिक और  चर्चित कहानी, टोबा टेकसिंह के लिए प्रसिद्ध हुये थे । कहानीकार होने के साथ-साथ वे फिल्म और रेडिया पटकथा लेखक और पत्रकार भी थे। अपने छोटे से जीवनकाल में उन्होंने बाइस लघु कथा संग्रह, एक … पढ़ना जारी रखें मंटो की एक रचना – मैं कहानीकार नहीं जेबकतरा हूँ

सआदत हसन मंटो की कहानी – टिटवाल का कुत्ता

कई दिन से दोनों पक्ष अपने-अपने मोर्चे पर जमे हुए थे। दिन में इधर और उधर से दस बारह फ़ायर किए जाते जिन की आवाज़ के साथ कोई इंसानी चीख़ बुलंद नहीं होती थी। मौसम बहुत ख़ुशगवार था। हवा ख़ुद ही उगे फूलों की महक में बसी हुई थी। पहाड़ियों की ऊंचाइयों और ढलवानों पर जंग से बे-ख़बर क़ुदरत अपने रोज के काम में मसरूफ़ … पढ़ना जारी रखें सआदत हसन मंटो की कहानी – टिटवाल का कुत्ता

साहित्य – हज़ारों किताबों के निचोड़ कि तरह है “सलाम बस्तर”

इस किताब यानी “सलाम बस्तर” को पढ़ कर जैसे मैं सत्तर के दशक में घूम आया हूँ और वो मेरे सामने से ही निकला चला गया,जहाँ तमाम विवादित गतिविधियों ने पेर पसारे थे और विरोध और समर्थन हुए थे,जी हां बात हो रही है,भारत के माओवादी आंदोलन की जहां एक बीहड़ जंगल मे बैठ कर करी गयी बात एक आंदोलन बन गयी ,वो अलग बात … पढ़ना जारी रखें साहित्य – हज़ारों किताबों के निचोड़ कि तरह है “सलाम बस्तर”

क्या आपने पढ़ा है खुशवंत सिंह की “ट्रेन टू पाकिस्तान”

देश के जाने माने लेखकों एवं पत्रकारों में अपना अलग स्थान बनाने वाले जिंदादिल इंसान के रूप में विख्यात खुशवंत सिंह ने बंटवारे जैसे बेहद गंभीर विषय पर एक पुस्तक ‘ट्रेन टू पाकिस्तान’ लिखकर लोगों को अपनी कलम की जादूगरी से अभिभूत कर दिया था. यह उपन्यास अगस्त 1956 में पहली बार प्रकाशित हुआ था.अब तक इस उपन्यास के विभिन्न संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं. … पढ़ना जारी रखें क्या आपने पढ़ा है खुशवंत सिंह की “ट्रेन टू पाकिस्तान”

क्या आपने खुशवंत सिंह का उपान्यास “सनसेट क्लब पढ़ा है ?

“सनसेट क्लब” राजपाल प्रकाशन से आया ये उपन्यास उन तीन बूढें दोस्तों की दोस्तों की दास्तां जो हर शाम में वहां आतें थे और फिन भर की बातों को दुनिया से अलग बेठें एक दूसरे से बयान करतें थे। लेकिन इस बात को किस तरह शब्दों की खूबसूरती में उकेरते हुए लिखा जा सकता है ये सिर्फ “खुशवंत सिंह” ही जानते है क्योंकि यहां उन्होंने … पढ़ना जारी रखें क्या आपने खुशवंत सिंह का उपान्यास “सनसेट क्लब पढ़ा है ?