नज़रिया – हज़रतगंज चौराहा, मुग़लसराय, औरंगजेब रोड का नाम ही क्यों बदला गया?

एक दिन सियासत तुम्हारा नाम निसार से बदलकर नरेश कर देगी और तुम बस लोकतंत्र को बचाते रहना। नाम बदलना कोई छोटी बात नहीं है। ये तुम्हारी विरासत, तुम्हारे आब-ओ-अजदाद की कुर्बानियां, तुम्हारी तारीख़ के साथ सबसे बड़ा हमला है। यक़ीन न हो तो जाके यूरोप में उन शहरों को देख लो कि जहाँ तुम्हारे आब-ओ-अजदाद सैकड़ों साल हुकूमत किए हैं, जिस यूरोप को डार्क … पढ़ना जारी रखें नज़रिया – हज़रतगंज चौराहा, मुग़लसराय, औरंगजेब रोड का नाम ही क्यों बदला गया?

RSS के पहले, अंग्रेज़ों ने रची थी ताज महल को ध्वस्त करने की साज़िश!

ताज महल और उत्तर भारत का वर्ग संघर्ष RSS द्वारा स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन से दूरी अख्तियार करने की वजह से अंग्रेज़ सरकार ने इनाम के तौर पर इनको फलने फूलने दिया। संघ के लोग अंग्रेज़ सरकार के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जासूसी करते थे। संघ और अंग्रेज़ दोनों को ही मुग़लों से भारी नफरत रही है। औपनिवेशवाद और फ़ासीवाद के विरोध के प्रतीक के … पढ़ना जारी रखें RSS के पहले, अंग्रेज़ों ने रची थी ताज महल को ध्वस्त करने की साज़िश!

आखिरी मुग़ल और 1857 का स्वतंत्रता संग्राम

आज 24 अक्टूबर 2017 को आखिरी मुग़ल बादशाह, और 1857 भारत की पहली जंग-ए-आज़ादी के नेता, बहादुरशाह ज़फर, की 242वी जयंती है। सिर्फ दो हफ्ते बाद, 7 नवंबर 2017 को,ज़फर की 155 वीं पुण्यतिथि भी आ जाएगी. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी म्यांमार यात्रा के दौरान रंगून में मुग़ल बादशाह बहादुर शाह ज़फर की कब्र पर श्रृद्धांजलि अर्पित की थी। बहादुर शाह … पढ़ना जारी रखें आखिरी मुग़ल और 1857 का स्वतंत्रता संग्राम