फ़िल्म समीक्षा – हैदर के बचपन की कहानी है ” हामिद “
बचपन उम्र से तय होता है। बचपना कई सवालों की खोज होता है। मनोविज्ञान हमेशा ‘तलाश’ शब्द के इर्द गिर्द घूमती है। जो चीजें समझ नहीं आती बचपन उसके पीछे बेतरतीब हो कर भागता है। एक जवाब ढूंढते ही दूसरे सवाल के जवाब की तलाश में बचपना खोया रहता है। हामिद एक ऐसे कश्मीरी बच्चे की कहानी है। यहाँ शायद ‘एक’ कहना गलत होगा दरअसल … पढ़ना जारी रखें फ़िल्म समीक्षा – हैदर के बचपन की कहानी है ” हामिद “