देश की राजधानी दिल्ली और जगह थी होटल रेडिसन ब्लू (Hotel Reddison Blue), मौका था कांग्रेस की एक पहल “अ बिलियन आईडियाज़” (A billion Ideas) के बैनर तले आयोजित ब्लॉगर्स मीट (Bloggers Meet) का ! सभी आमंत्रित मित्र चयनित विषयों पर अपने-अपने आइडियाज़ पेश कर रहे थे। प्रथम सत्र मे मैंने “शिक्षा के केंद्रीयकरण ” का अपना आईडिया टिपारे से बाहर निकाला ।
जिसके मुताबिक क्यों न शिक्षा का केंद्रीयकरण कर दिया जाये, यह देश मे एक क्रांतिकारी क़दम साबित हो सकता है! वर्तमान मे हर राज्य अपना अलग बोर्ड और अलग-अलग सिलेबस रखता हैं। एक राज्य मे पढाया जाने वाला सिलेबस दूसरे राज्य से अलग होता है। कई बार एक ही विषय मे अलग-अलग राज्य मे विपरीत ज्ञान उपलब्ध कराया जाता है। जिसके कारण देश के युवावर्ग का एक सा विकास नही हो पाता ! शिक्षा के केंद्रीयकरण से तात्पर्य अलग-अलग राज्य बोर्ड समाप्त किये जायें और उनके स्थान पर पूरे देश मे एक केंद्रीय बोर्ड को लागू किया जाये । हर राज्य मे उसकी स्टेट यूनिट बनाई जाये। इससे शिक्षा से समबंधित प्रशासनिक ढांचा सुधरेगा । उदाहरण के लिये किसी भी प्रकार के त्रुटि सुधार मे आसानी होगी ।
अगर ऐसा किया जाता है तो इससे पूरे देश मे युवाओं का समान विकास होगा। समान विकास न होने,और फिर स्कूल के बाद कॉलेज मे सिलेबस का स्टेंडर्ड ऊंचा होने के कारण आने वाली कई दिक्कतों से युवाओं को निजात मिलेगी। कई प्राईवेट स्कूली संस्थान मे इतिहास और अन्य विषयों से सम्बंधित गलत जानकारी पिछले कई वर्षों से उपलब्ध कराई जा रही है, अगर एक बोर्ड-एक सिलेबस पूरे देश मे लागू होता है, तो इस तरह के कृत्यों पर पर लगाम कसी जा सकती है। देश को झूठ और नफरत से काफी हद तक निजात दिलायी जा सकती है। पिछले कुछ वर्षों मे देश मे प्राईवेट संस्थान के ज़रिये युवाओं एक पूरी कि पूरी खेप तैयार की गयी है, जो गलत जानकारियों के भरी पडी है।
निष्कर्स यह निकलता है कि शिक्षा के केंद्रीयकरण करने से
1) युवाओं का पूरे देश मे शिक्षा के क्षेत्र मे एक सा विकास होगा ।
2) शिक्षा के प्रशासनिक ढांचे मे सुधार होगा ।
3) झूठी और नफरत भरी साम्प्रदायिक शिक्षा मे लगाम लगायी जा सकती है।
मुझे तो आपका आईडिया बेहद पसंद आया था जकड़िया भाई!!! देश में एक सी शिक्षा पद्धति आपने जानी चहिए, इससे सुधार करना भी आसान हो जाएगा!
मुझे तो आपका आईडिया बेहद पसंद आया था ज़करिया भाई!!! देश में एक सी शिक्षा पद्धति अपनाई जानी चहिए, इससे सुधार करना भी आसान हो जाएगा!
शाहनवाज़ भाई आईडिया है तो बहुत शानदार पर क्या गवर्मेंट इस पर कुछ करेगी । वैसे उम्मीद तो है क्योंकि पिछले कुछ सालों शिक्षा सुधार के बहुत प्रयास हुये हैं।